- ट्रैफिक पुलिस के सॉफ्टवेयर से मिल जाएगी गाड़ी की पूरी डिटेल

- रजिस्ट्रेशन के बाद हर बार जांच कराने के लिए नहीं रुकना होगा

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तेजी से ऑनलाइन हो रहे सिस्टम में कहीं-कहीं कागजी काम हर किसी को परेशान करता है। उदाहरण के तौर पर ट्रैफिक विभाग में गाड़ी के कागजों की जांच। हर बार पुलिस के रोकने पर आपको उन्हें गाड़ी की आरसी, लाइसेंस और इंश्योरेंस दिखाना पड़ता है। ग्रीन कार्ड इसका समाधान है मगर इसे दिखाने के लिए भी हर बार रुकना पड़ता है। वाराणसी ट्रैफिक पुलिस इसका समाधान निकालने की तैयारी में है। 'डिजिटल लॉकिंग' नामक तकनीक से अगले दो महीने में जनता पेपरलेस ड्राइविंग कर सकेगी।

.तो यहां क्यों मैनुअल

गौर करें तो अब लगभग सभी सुविधाएं डिजिटल हो चुकी हैं। ट्रेन से लेकर प्लेन के टिकट तक लोग मोबाइल पर रखते हैं और इन्हें दिखाकर पूरा सफर कर लेते हैं। एफआईआर भी ऑनलाइन शिकायतों पर दर्ज कराई जा रही हैं। मगर ट्रैफिक विभाग अब भी मैनुअली ही कामकाज कर रहा है। वाहनों की जांच अभियान के दौरान चौराहों पर अक्सर वाहन चालकों की कतार लग जाती है। हर चालक का डीएल, आरसी और इंश्योरेंस के कागजात जांचना पुलिस वालों के लिए भी कठिन काम होता है।

कैसे होगी डिजिटल लॉकिंग?

डिजिटल लॉकिंग तकनीक ट्रैफिक पुलिस के एप्लीकेशन 'स्मार्ट ई ट्रैफिक' से जोड़ी जाएगी। इसके तहत वाहनों के नंबर, इंश्योरेंस की तारीख और इसके चालक के डीएल आदि की डिटेल सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दी जाएगी। वाहन जांच के दौरान गाड़ी के सामने आते ही इसके नंबर से पुलिसकर्मी इसकी पूरी जानकारी जांच लेगा और चालक को देर तक इंतजार नहीं करना होगा। वाहन चोरी होने की स्थिति में आप पुलिस के साथ ट्रैफिक पुलिस के इस एप पर भी गाड़ी नंबर के साथ चोरी होने की सूचना डाल सकते हैं। इससे गाड़ी की रिकवरी आसान हो जाएगी।

दो महीने में शुरू हो जाएगा टेस्ट

एसपी ट्रैफिक सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि डिजिटल लॉकिंग सुविधा का टेस्ट दो महीने के भीतर शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली बार में वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस के दफ्तर में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इसके लिए कुछ टोकन चार्ज भी रखा जाएगा। एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद बार-बार की जांच से छुटकारा मिलेगा और उनका सफर और आसान हो जाएगा।

बयान

डिजिटल युग में ट्रैफिक पुलिस को भी तकनीकी रूप से दक्ष करने का प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल लॉकिंग सुविधा शुरू होने के बाद लोगों का सफर काफी आसान हो जाएगा।

सुरेशचंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक