-जनवरी माह में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का होना है आयोजन

-मगर शहर में कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है जाम की समस्या

-सुबह-शाम पब्लिक जाम में फंसकर हो रही है हलकान, टै्रफिक विभाग के तमाम उपाय हुए धड़ाम

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जनवरी माह में बनारस में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन की तैयारियां राजधानी एक्सप्रेस की तरह चल रही हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन को नायाब बनाने के लिए पूरे काशी वासियों से भरे मंच से अपील भी कर चुके हैं। 21 से 23 जनवरी तक चलने वाले एनआरआई समिट की बागडोर संभाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर माह में दो से तीन बार बनारस दौरे पर पहुंच रहे हैं। सीएम का भी मानना है कि शहर में जाम सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है। उसे कंट्रोल करने के लिए हर बार मीटिंग में अधिकारियों को चेतावनी भी देते रहते हैं। मगर शहर का ट्रैफिक जाम है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में जनवरी में बनारस आ रहे सात हजार से अधिक प्रवासी मेहमानों का सामना अगर जाम से हुआ तो इससे अपने शहर की बहुत छीछालेदर होगी।

हर उपाय नाकाम

ट्रैफिक और पुलिस विभाग मिलकर तरह-तरह के उपाय ढूंढ़, नए-नए प्रयोग कर ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने में लगे हुए हैं लेकिन मर्ज है कि और बढ़ता ही जा रहा है। ट्रैफिक डायवर्जन, रोड डिवाइडर, ट्रैफिक लाइट, अतिक्रमण हटाओ जैसे तमाम प्रयासों के बावजूद हर दिन पब्लिक को जाम में फंसकर परेशान होना पड़ रहा है। शहर का ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहां जाम से रोजाना पब्लिक दो चार न हो रही हो। जागरूक पब्लिक को यह चिंता भी साल रही है कि अभी तक जाम से निपटने का कोई ठोस उपाय ट्रैफिक पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी है।

सिग्नल की बत्ती गुल, ट्रैफिक फुल

शुरुआती दौर में शहर में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए प्रमुख चौराहों पर सिग्नल लगाए गए। ये सिग्नल गिरजाघर चौराहा, गोदौलिया चौराहा, रथयात्रा चौराहा, सिगरा और मलदहिया चौराहे पर लगाये गये हैं। मगर वर्तमान में मलदहिया और रथयात्रा को छोड़ कर अन्य सभी जगहों पर लगे सिग्नल की बत्ती गुल हो चुकी है। मैन्युअली ही ट्रैफिक का संचालन कराया जा रहा है। चौराहों के आसपास बेतरतीब ढंग से खड़े किये जा रहे ऑटो व ई-रिक्शों के चलते हाल यह हो रहा है कि पब्लिक का रोड पर चलना मुश्किल हो जा रहा है। उसमें भी आड़े-तिरछे से निकलने वाले वाहन और लबे सड़क रोजाना पशुओं की आवाजाही से ट्रैफिक जाम की समस्या और बढ़ जा रही है। इसी दु‌र्व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस महीनों से प्रयासरत है लेकिन सफलता आज तक नहीं मिल पाई है। दो माह बाद सम्मेलन है। तब तक शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में कितना सुधार हो पाएगा, यह भी सोचने वाली बात है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में जाम का मुद्दा

केंद्र व राज्य सरकार का मिनिस्टर हो या फिर फ‌र्स्ट रैंक का अफसर। शहर में इंट्री करते ही सबसे पहले उनका कहना होता है कि ट्रैफिक को लेकर पब्लिक को हो रही समस्या से तत्काल छुटकारा दिलाया जाए। यही नहीं, कई बार तो प्रमुख सचिव के वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी जाम का मुद्दा उठा है। सीएम योगी आदित्यनाथ इसको लेकर कई बार एतराज जता चुके हैं। प्रवासी सम्मेलन को देखते हुए भी शहर में अधिकतर मंत्रणा ट्रैफिक जाम की प्रॉब्लम को हर हाल में खत्म कराने के लिए ही की जा रही है।

इन मार्गो पर लग रहा ज्यादा जाम

सिगरा-महमूरगंज मार्ग रोड

रथयात्रा-महमूरगंज मार्ग रोड रथयात्रा-सिगरा मार्ग रोड रथयात्रा-गुरुबाग मार्ग रोड लक्सा-गोदौलिया मार्ग रोड मलदहिया-तेलियाबाग मार्ग रोड

चेतगंज-नई सड़क मार्ग रोड

मैदागिन-गोदौलिया मार्ग रोड

गोदौलिया-सोनारपुरा मार्ग रोड

लंका रविदास गेट-बीएचयू गेट रोड

लहरातारा चौराहा रोड

कैंट परेडकोठी से मेन रोड मार्ग

बड़ालालपुर-पांडेयपुर चौराहा रोड

पांडेयपुर काली मंदिर-पहाडि़या मार्ग

आशापुर-पंचकोशी मार्ग रोड