reality check

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होमगार्डो की प्रतिदिन लगाई जाती है ड्यूटी

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होमगार्ड आमद कराने के बाद महीने भर से चल रहे हैं गैरहाजिर

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होमगार्ड अटैच किए गए हैं यातायात पुलिस विभाग से

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में चौराहों पर ड्यूटी से नदारत मिले होमगार्ड

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

ALLAHABAD: चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए होमगार्डो के हवाले करना एक बार फिर हालात मुश्किल बनाने वाला बन गया है। हर मोहल्ले में लग रहे जाम के दौरान ट्रैफिक पुलिस होती कहां है? यह जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो पता चला कि चौराहे होमगार्डो के हवाले है और वे टै्रफिक मैनेजमेंट के बजाय तमाशबीन बने हुए हैं।

जूझते रहे जाम में फंसे सैकड़ों लोग

हिन्दू हॉस्टल चौराहा। यहां ट्रैफिक कंट्रोल के लिए चार होमगार्ड लगाए गए हैं। निर्देश हैं कि एक-एक सड़क पर चारों तरफ खड़े होकर ये ट्रैफिक को कंट्रोल करें ताकि चौराहे पर जाम न लगे। रिपोर्टर पहुंचा तो वे सड़क पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल करने के बजाय बगल में बने बूथ पर गप्पे मारने में मशगूल नजर आए। इंडियन प्रेस चौराहे पर होमगार्ड नजर ही नहीं आए। बीच चौराहे पर बना बूथ खाली पड़ा था। सिविल लाइंस हनुमान मंदिर तुलसी चौराहे की दशा भी ऐसी ही नजर आई। अति व्यस्त रहने वाले इस चौराहे पर एक भी होमगार्ड नजर नहीं आया। लोगों ने बताया कि सुबह थोड़ी देर के लिए होमगार्ड चौराहे पर दिखाई दिए थे। अब कहां गए पता नहीं? हनुमान मंदिर लोहिया चौराहे की भी स्थिति यही रही। यहां चौराहे पर चारों तरफ से लोग गाडि़यों को लिए घुसे जा रहे थे। इन्हें भी रोकने टोकने वाला नहीं नजर आया।

बूथ से होमगार्ड गायब

पत्रिका चौराहा पेट्रोल पंप के पास स्थित बने बूथ से भी होमगार्ड गायब रहे। बूथ पर किसी के न होने से यहां भी जाम की स्थिति बनी थी। बालसन चौराहे की स्थिति और भी बदतर थी। कारण यह था कि सिस्टम से गाडि़यों को पास कराने के लिए यहां भी होमगार्ड नहीं थे।

पब्लिक कोट

अधिकारियों को भी पता है कि होमगार्ड कितनी शिद्दत के साथ ड्यूटी करते हैं। शहर का ट्रैफिक सिस्टम फेल हो चुका है। यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।

वीरेंद्र गुप्ता

चौराहों पर ड्यूटी लगवाने के बाद होमगार्ड गायब हो जाते हैं। तीन चार चौराहों को छोड़ दिया जाय तो हर जगह की यही स्थिति है।

पंकज त्रिपाठी

हिन्दू हास्टल चौराहा व बालसन चौराहे पर सुबह के वक्त होमगार्ड एक घंटे के लिए दिखाई देते हैं। वह समय अधिकारियों के ऑफिस जाने का होता है। इसके बाद वह कहां चले जाते हैं यह किसी को नहीं पता होता।

अमित सिंह

होमगार्ड चाय-पान की दुकान पर बैठे नजर आते हैं। वे अपना काम सही से करें तो जाम की समस्या से काफी हद तक चौराहों को उबरा जा सकता है। उनकी लापरवाही में अधिकारियों की उपेक्षा भी बड़ी वजह है।

अंकित जायसवाल