-दिल्ली से निकलते ही ट्रेन के रिजर्वेशन कोच में घुस गए 30-40 अनधिकृत युवक

-परिवार के साथ पीडि़त दिल्ली से आ रहा था बरेली, डासना स्टेशन पर बैग लूटा

 

BAREILLY : ट्रेन के रिजर्वेशन कोच में महिला का बैग लुट जाने और सीट पर कब्जा कराने के मामले में कंज्यूमर फोरम ने रेलवे को दोषी माना। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद रेलवे पर 15 हजार क्षतिपूर्ति, मानसिक कष्ट 2500 वाद व्यय 2500 रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने रेलवे को यह भी आदेश दिया है कि एक माह के अंदर जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने पर सात प्रतिशत साधारण ब्याज भी देना होगा।


रिजर्व सीट पर भी कर लिया अनधिकृत कब्जा, कंज्यूमर फोरम ने रेलवे पर लगाया जुर्माना

सिविल लाइंस आवास विकास निवासी अमित कुमार ने दायर वाद में बताया कि वह परिवार के साथ इंटरसिटी कोच संख्या सी-2 बर्थ संख्या 4-5 से बरेली आने के लिए दिल्ली से ट्रेन में 25 नवम्बर को बैठे। उनके साथ पत्नी और बच्चा था। ट्रेन दिल्ली से जैसे ही चली तो रास्ते में 30-40 अनधिकृत युवक ट्रेन में घुस गए और सीट पर जबरन बैठ गए। उन्होंने इसकी शिकायत टीटी से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ट्रेन जैसे ही हापुड़ और गाजियाबाद के बीच डासना स्टेशन पर पहुंची तो उन्हीं में से एक युवक ने अमित कुमार की पत्नी के पास रखा बैग झपट्टा मारकर छीन लिया और ट्रेन से कूदकर फरार हो गया। अमित ने इस पर चैन पुलिंग कर ट्रेन को रोका, लेकिन जीआरपी 50 मिनट देरी से पहुंची और बगैर कार्रवाई के ही चली गई। जिससे परेशान होकर अमित ने डीआरएम उत्तर रेलवे मुरादाबाद और जनरल मैनेजर उत्तर रेलवे बड़ौदा हाउस नई दिल्ली के खिलाफ कंज्यूमर फोरम सेकंड में वाद दायर कर दिया। उन्होंने बताया कि बैग में कुल 16,200 रुपए का सामान था। इसकी एफआईआर अमित ने 28 नवम्बर को दर्ज कराई थी।


 

वाद खारिज करने को रेलवे के तर्क

-अमित और उनकी पत्नी के साथ एक बच्चा भी जिसका उन्होंने टिकट नहीं लिया जबकि उन्हें आधा टिकट लेना चाहिए था, बच्चे को बगैर टिकट यात्रा गैर कानून है

-बैग छीनकर भागने का मामला गाजियाबाद हापुड़ के बीच का है इसीलिए बरेली में वाद खाजिर होना चाहिए

-पीडि़त ने कोच कंडक्टर के पास रखी पुस्तिका में बैग छीने जाने की शिकायत दर्ज नहीं की, और पुलिस को तहरीर भी मौके पर नहीं दी


 

कोटर् का तर्क

-फोरम ने पाया कि अमित ने 19 नवम्बर 2013 को टिकट बरेली टिकट काउंटर से लिया, इसीलिए वाद बरेली कंज्यूमर फोरम में चल सकता है

-कोच कंडक्टर ने अनधिकृत लोगों को ट्रेन से कैसे नहीं उतारा और रिजर्वेशन सीट पर भी कब्जा नहीं हटाया


कोर्ट ने इन्हें बनाया उदाहरण

-वर्ष 2015 को धीरेन्द्र कुमार का पर्स मुगलसराय में चोरी हुआ, जिसका वाद इलाहाबाद कंज्यूमर फोरम कोर्ट में चलाया गया। क्योंकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार जिला फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।

-वर्ष 2015 में यूनियन ऑफ इंडिया प्रति अजय कुमार सूटकेस को जंजीर काटकर चोरी करने के मामले में

-वर्ष 2013 में यूनियन ऑफ इंडिया प्रति शोभा अग्रवाल को ट्रेन से सूटकेश चोरी

-वर्ष 2010 में यूनियन आफ जेएस कुंवर अटैची चोरी