-डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबू, कई जिलों में दो घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित

-भोपाल से मंगाया गया था भेल का यह ट्रांसफार्मर, सात अप्रैल को हुआ था शुरू

डुबकियां स्थित 440 केवी पारेषण पावर हाउस में शुक्रवार की दोपहर आचनक आग लग गई. इसमें 500 एमवीए का नया ट्रांसफॉर्मर धू धू कर जल गया. आग की इस घटना के बाद इस उपकेंद्र से जुड़े वाराणसी के साथ ही गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, आजमगढ़ और मऊ में भी करीब दो घंटे विद्युत आपूर्ति ठप रही. हालांकि करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. इसके बाद दूसरे विद्युत उपकेंद्र से जोड़कर बिजली सप्लाई भी बहाल कर दी गई. आग लगने की वजह से करोड़ों रुपये की क्षति हुई. बताया जा रहा है कि आग व्हाइट एसी की वजह से लगी है.

अचानक लगी आग

दोपहर करीब 1.41 बजे ट्रांसफार्मर में अचानक आग लग गई. धुआं और आग की लपट ऊपर देख कर्मचारी, अधीक्षण अभियंता विनीत रस्तोगी व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. सूचना मिलते ही फायरब्रिगेड की एक गाड़ी भी आ गयी. आधे घंटे बाद ही शहर से दो और गाडि़या आ गई. करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग लगने से शाहपुरी, गाजीपुर, आजमगढ़ 220 केवी, वीरापट्टी रेलवे, 132 कैथी, सैदपुर, सारनाथ लेढ़ूपुर की लाइन ठप हो गई. आग बुझने के बाद दूसरे ट्रांसफार्मर से विद्युत आपूर्ति सामान्य हुई. हालांकि कुछ देर में ही बिजली फिर गायब हो गई. शहर के पांडेयपुर सहित कई इलाकों में शाम पांच बजे तक बिजली गुल रही.

कैसे हुआ हादसा, जांच शुरू

भीषण गर्मी में भी उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली मुहैया कराने के लिए कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से डुबकियां स्थित 440 केवी पारेषण उपकेंद्र की क्षमता 1315 एमवीए की गई है. पिछले सप्ताह 500 एमवीए के ट्रांसफार्मर लगाने के बाद यह पावर बढ़ी थी. अधिकारियों की मानें तो इसकी कीमत करीब 10.5 करोड़ है, जो पांच साल के गारंटी में है. इससे पहले प्रदेश में सबसे अधिक नोएडा स्थित उपकेंद्र की क्षमता 1630 एमवीए है. अधिकारियों का कहना है कि आग लगने की वजह की जांच होगी. जबकि सूत्र बता रहे हैं कि आग की यह घटना व्हाइट एसी के जलने से हुई.

अधिक क्षमता वाले उपकेंद्र

1630 : एमवीए की क्षमता नोएडा

1315 : एमवीए की क्षमता वाराणसी

1100 : एमवीए की क्षमता लखनऊ

10.5

करोड़ है ट्रांसफार्मर की कीमत

12.5

करोड़ लगाने तक के खर्च के बाद

-बीएचईएल का ट्रांसफार्मर,

-पांच साल की गारंटी

- प्रदेश का दूसरा सबसे अधिक क्षमता वाला उपकेंद्र

ट्रांसफार्मर में आग कैसे लगी इसकी जांच कराई जाएगी. प्राथमिक तौर पर पता चला है कि व्हाइट एसी के जलने से यह हादसा हुआ है.

विनीत रस्तोगी, अधीक्षण अभियंता, ट्रांसमिशन