- आरटीओ ऑफिस में कुछ नंबरों को पाने के लिए आए दिन होता है विवाद

- परेशान आरटीओ ने वीआईपी लिस्ट में शामिल करने भेजे 10 नंबर

GORAKHPUR: बदलते परिवेश के साथ ही एक से बढ़कर एक महंगी गाडि़यां मार्केट में लॉन्च हो रही हैं, जिन्हें खरीदना शौकिन लोग अपनी शान समझते हैं। लक्जरी कारों के शौकिन ये लोग अपनी गाड़ी का नंबर भी वीआईपी ही चाहते हैं। इसके लिए चाहे कितनी भी कीमत चुकानी पड़े इससे वे पीछे नहीं हटते। आरटीओ ऑफिस में वीआईपी नंबरों के लिए होड़ लगी रहती थी। जिसकी वजह से जिम्मेदारों ने सभी वीआईपी टाइप नंबरों को ऑनलाइन बुक करना शुरू कर दिया लेकिन इसके बाद भी साधारण नंबरों में भी कुछ को लेने के लिए होड़ मच गई। जिसके लिए आए दिन लोग सोर्स और हेकड़ी दिखाने लगे। रोज-रोज के विवाद से तंग आकर आरटीओ प्रशासन ने दस और नंबरों को वीआईपी लिस्ट में शामिल करने के लिए मुख्यालय भेजा है।

साढ़े तीन हजार नंबर हैं वीआईपी

अभी तक आरटीओ ऑफिस में लगभग साढ़े तीन हजार नंबर वीआईपी लिस्ट में शामिल किए गए हैं जिनकी बकायदा फीस तय हैं। वीआईपी नंबरों को ऑनलाइन बुक कराने के बाद आरटीओ ऑफिस में इनकी तय फीस जमा करनी पड़ती है। ऑनलाइन होने से वीआईपी नंबरों के लिए आरटीओ अधिकारियों की परेशानी कम हो गई है। इससे पहले वीआईपी नंबर के लिए बडे़-बड़े नेताओं से लगाए मंत्री तक के फोन आरटीओ ऑफिस में घनघनाते थे। जिससे आरटीओ अधिकारी चैन से बैठ नहीं पाते थे।

विवाद से बनाई दूरी

आरटीओ प्रशासन श्याम लाल ने बताया कि वीआईपी नंबर ऑनलाइन होने से इस पर किसी का जोर नहीं चल पा रहा है। लिहाजा साधारण नंबर में भी बॉस जैसे नंबर हैं जिनके लिए लोग पैरवी से लगाए एड़ी-चोटी लगा रहे है। जिससे आए दिन दफ्तर का माहौल गर्म होता है। इसको देखते हुए दस नंबरों को वीआईपी लिस्ट में शामिल करने के लिए संभागीय परिवहन अधिकारी के पास मुख्यालय भेजा गया है।

खास नंबर पाने की होड़

वीआईपी नंबर ऑनलाइन होने के बाद शौकिन लोग इसे हमेशा इंटरनेट पर सर्च करते रहते हैं कि इस समय कौन सी सीरीज चल रही है। टकटकी लगाकर वो लोग इंटरनेट पर अपने मनमुताबिक नंबरों के आने का इंतजार करते हैं। जैसे ही वो नंबर आता है उसे ऑनलाइन बुक करा लेते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें बहुत माथापच्ची करनी पड़ती है।

चार श्रेणी में बंटी है फीस

ए श्रेणी - 15000

बी श्रेणी- 7500

सी श्रेणी- 6000

डी श्रेणी- 3000

वीआईपी लिस्ट में शामिल होंगे ये नंबर

0214, 0990, 1008, 3330, 3033, 4149, 4169, 8055, 9099, 9990

वर्जन

ज्यादा डिमांड की वजह से दस और नंबरों को वीआईपी लिस्ट में शामिल करने के लिए भेजा है। उम्मीद है मुख्यालय में इसकी स्वीकृति भी मिल जाएगी।

- श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन