- दो बार पूछताछ के बाद सीबीआई को मिला था एक शिकायती पत्र

- एलडीए के ही एक सीनियर अफसर पर सख्ती करना था वजह

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LUCKNOW:आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में उनके बैचमेट एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह को फंसाने की गहरी साजिश रची गयी थी पर सीबीआई ने मामले की तह तक जाकर सच्चाई का पता लगाया जिससे पीएन सिंह को इस मामले में क्लीन चिट मिल सकी। आपको यह जानकर हैरत होगी कि यह साजिश किसी और ने नहीं बल्कि एलडीए के ही एक सीनियर अधिकारी के इशारे पर रची गयी थी। एलडीए वीसी ने आय से अधिक और गैरकानूनी तरीके से संपत्तियां जुटाने के मामले में जब अधिकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाए तो आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर सीबीआई में झूठी शिकायत कर दी। इसके बाद सीबीआई को मजबूरन पीएन सिंह से तीसरी बार पूछताछ करना पड़ा था।

लोहिया अस्पताल का मामला

दरअसल सीबीआई को एक आरटीआई के हवाले से शिकायत भेजी गयी थी कि 17 मई 2017 को अनुराग तिवारी का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने के बाद पीएन सिंह ने लोहिया अस्पताल की ओपीडी में रजिस्ट्रेशन तो कराया पर डॉक्टर से चेकअप कराए बिना वापस चले गये। सीबीआई ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि उस दिन पीएन सिंह नाम के दो लोगों का लोहिया अस्पताल की ओपीडी में रजिस्ट्रेशन हुआ था। एलडीए वीसी पीएन सिंह बैडमिंटन खेलने के दौरान घुटने पर लगी चोट दिखाने अस्पताल गये थे। जिसके बाद उनको प्राथमिक उपचार देकर वापस भेज दिया गया था। वहीं दूसरे पीएन सिंह नामक शख्स को डायबिटीज की शिकायत थी जिसके बाद उसने पर्चा तो बनवाया, लेकिन डॉक्टर को नहीं दिखाया था। सीबीआई ने जब संबंधित डॉक्टर से इस बाबत जानकारी ली तो उसने बताया कि पीएन सिंह नामक दूसरा शख्स उनके पास आया था जिसके बाद उन्होंने पर्चे में ही कुछ दवाएं लिख दी थी। इससे यह साबित हो गया कि सीबीआई मुख्यालय भेजी गयी शिकायत झूठी थी।