-गैंग आफ वासेपुर से जुड़े मुन्ना बजरंगी के तार

-नए शूटर्स के जरिए, वारदातों को दिला रहे अंजाम

GORAKHPUR: गैंग्स ऑफ वासेपुर का नाम आते ही दो कैरेक्टर रामधीर सिंह और सरदार खान का चेहरा जेहन में उभर आता है। धनबाद की कोयला खदानों के लिए एक दूसरे के खून के प्यासे गैंग ऑफ वासेपुर का वर्चस्व पूर्वाचल में फैलने लगा है। झांसी जेल में बंद मुन्ना बजरंगी और उससे जुड़े तारिक के जरिए कोल माइंस से मिलने वाले फायदे का लालच देकर पूर्वाचल के नए शूटर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूर्वाचल के उभरते हुए बदमाशों को कोयले की सुपारी देकर रंगदारी वसूली जा रही है। शुक्रवार की रात खोराबार एरिया में एसटीएफ के हत्थे चढ़े बदमाशों ने यह राजफाश किया। दोनों बदमाशों ने एसटीएफ को बताया कि तीन लोगों के मर्डर की सुपारी उनको मिली थी। इसके बदले में उनको खदान से निकलने वाली हर 10 ट्रक की खेप में से कोयले की एक खेप मिलती। एसटीएफ का कहना है कि एक दर्जन से अधिक नए बदमाशों को कोयला खदानों में हिस्सा देने के बदले काम लिया जा रहा है।

मजदूर नेताओं को मैनेज कराने के लिए करते इस्तेमाल

धनबाद के डिप्टी मेयर की हत्या के बाद से पूर्वाचल के नए शूटर्स की डिमांड धनबाद में बढ़ गई है। एक विदेशी कंपनी का वर्चस्व कोयला खदानों की ठेकेदारी में है। उससे जुड़े लोगों को डिस्टर्ब करने वाले मजदूर यूनियन के नेताओं को मैनेज करने के लिए बदमाशों का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसटीएफ से जुड़े लोगों का कहना है कि 10 साल के भीतर 173 लोगों के मर्डर हुए। तमाम लोग लापता हो गए जिनके बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिली सकी। धनबाद, कोलकाता, वाराणसी और इलाहाबाद में एक्टिव गैंग के मेंबर्स नाबालिग शूटर्स को हॉयर कर रहे हैं। इलाहाबाद के वकील हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर्स का नाम सामने आया था। एसटीएफ के लोगों का कहना है कि नए लड़कों को गैंग से जोड़ने पर कोई रिस्क नहीं है। उनकी आक्रामकता और अपराध के प्रति समर्पण को देखते हुए आसानी से हायर किया जा रहा है। इसलिए गोरखपुर से लेकर आजमगढ़ तक तमाम नई उम्र के युवकों को मुन्ना बजरंगी ने अपने गैंग में शामिल कर लिया है।