RANCHI : रिम्स में मरीजों की अब बेहतर तरीके से देखभाल हो सकेगी। इसके लिए हर वार्ड में एक-एक मैनेजर और अटेंडेंट तैनात किए जाएंगे। ये न सिर्फ मरीजों का केयर करेंगे, बल्कि उनकी जरूरतों से जुड़ी जानकारी हॉस्पिटल मैनेजमेंट तक पहुंचाएंगे। मरीजों की काउंसलिंग के साथ वार्ड की व्यवस्था भी इन्हीं के हवाले होगी। वार्डो में मैनेजर और अटेंडेंट की तैनाती को लेकर तैयार प्रस्ताव को रिम्स गवर्निग बॉडी की मीटिंग में रखा जाएगा। यहां से मंजूरी के बाद नए सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा।

हर वार्ड में होंगे दो स्टाफ

हॉस्पिटल के इनडोर में पहले से ही वार्ड अटेंडेंट मौजूद है। लेकिन उनका फिलहाल कोई रोल नहीं होता है। ऐसे में न्यू सिस्टम के तहत अब वार्डो में दो स्टाफ तैनात किए जाएंगे। इनमें एक स्टाफ वार्ड अटेंडेंट के तौर पर काम करेगा, जबकि दूसरा स्टाफ मरीजों का देखभाल करेगा। वार्ड में मरीजों को होने वाली दिक्कतों को ये दोनों स्टाफ दूर करेंगे।

टेस्ट कराने मरीजों को ले जाएंगे स्टाफ

इनडोर में इलाजरत मरीजों को कई बार टेस्ट कराने के लिए काफी मशक्कत करनी होती है। मरीज के परिजन जानकारी के अभाव में सैंपल लेकर इधर-उधर भटकते रहते हैं। इसके अलावा टाइम से टेस्ट नहीं होने पर इलाज में भी देरी हो जाती है। वहीं, टेस्ट के लिए सेंटर की जानकारी नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना होता है, लेकिन अब ऐसी नौबत नहीं आएगी। वार्ड में तैनात स्टाफ की जिम्मेवारी होगी कि वे मरीज अथवा उनके परिजन को टेस्ट कराने के लिए प्रॉपर लैब ले जाएं। इसके अलावा टेस्ट के लिए वार्ड से सैंपल कलेक्ट करके लैब में पहुंचाने की भी ड्यूटी उनकी ही होगी।

हर दिन बदलेगी मरीजों की बेडशीट

रिम्स में इलाज के लिए हर दिन 1200 मरीज इनडोर में एडमिट रहते है। इनमें कई मरीजों का लंबे समय तक इलाज चलता है। लेकिन, कई बार मरीजों का कई कई दिनों तक बेडशीट नहीं बदला जाता है। अब ये सिस्टम बदलेगा। वार्ड में मरीजों के हाइजीन का ख्याल भी स्टाफ रखेंगे। इनकी ड्यूटी होगी कि हर दिन मरीज के बेड की बेडशीट बदली जाए।