RANCHI: 'उड़ता पंजाब' पंजाब में नशे के कारोबारियों और तेजी से फैलते साम्राज्य को दर्शाने वाली इस हिन्दी फिल्म की तर्ज पर ही झारखंड के युवाओं की नसों में भी तेजी से नशे का जहर उतारा जा रहा है। लेकिन यह 'उड़ता झारखंड' उन मां- बाप की नींद उड़ा रहा है, जिनके लाडले तेजी से फैल रहे इस नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। अवैध शराब से लेकर अफीम, ब्राउन सुगर, चरस, गांजा से लेकर फैंसी डील, कॉरेक्स, मैन्ड्रेक, आयोडेक्स, डेन्ड्राइट्स आदि जैसे नशे में चूर युवाओं को शहर में खुलेआम देखा जा सकता है। पुलिस छोटी-मोटी खेप धर-पकड़कर वाहवाही तो लूट रही है, लेकिन धंधे के माहिर धंधेबाजों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। पुलिस की इस नींद के पीछे टेबल पर पहुंचने वाला उनका हिस्सा एक बड़ा कारण है।

देवड़ी, चित्रा, आंध्रा का गांजा डिमांड में

शहर में जो गांजा की खेप लाई जा रही है, उनके नाम देवड़ी, चित्रा और आंध्रा हैं। इन तीन क्वालिटी का माल शहर के लड़कों में खासा लोकप्रिय हो रहा है। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड देवड़ी की है। तमाड़ का यह गांजा लड़कों की सोचने-समझने की शक्ति को क्षीण कर रहा है।

32 हजार रुपये किलो बिक रहा -स्विच ऑफ-, 6 करोड़ डेली का कारोबार

शहर में सबसे ज्यादा बिकने वाला गांजा स्विच ऑफ कहलाता है। इसकी खेप तमाड़ के देवड़ी इलाके से आती है। यह 32 हजार रुपए किलो बेची जाती है। जानकारों की मानें, तो प्रतिदिन एक स्पॉट से 20 किलो से ज्यादा माल खपाया जाता है। शहर में करीब 100 ब्लैक स्पाट हैं, जहां प्रतिदिन गांजा की खेप बेची जाती है। इन आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 6 करोड़ 40 लाख रुपए का गांजा बेचा जाता है।

कौन है तमाड़ का गांगुली और मुन्ना

शहर में स्विच ऑफ की खेप भेजने वाला सबसे बड़ा अपराधी तमाड़ का गांगुली और मुन्ना है। इन दोनों के ठिकानों से शहर के कई हिस्सों में गांजा की खेप पहुंचाई जाती है।

इन इलाकों में मिलता है गांजा

सुखदेवनगर थाना के पीछे, हरमू मुक्तिधाम गली में, बूटी मोड़ चौक पर पान दुकान में, तिलता चौक पर, कचहरी चौक स्थित खैनी दुकान में, पिस्का मोड़, कांके रोड चांदनी चौक में, कर्बला चौक, रेडिशन के बगल में, पटेल चौक, स्टेशन रोड पर गांजा बिक रहा है।

वर्जन

पुलिस ने इस मामले पर गंभीरता से काम किया है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिनकी निगहबानी चल रही है। शहर के युवाओं को भी नशे की लत छोड़नी चाहिए। कारोबारियों पर पुलिस की पैनी नजर है।

कुलदीप द्विवेदी, एसएसपी, रांची