ब्रिटेन की राजधानी लंदन समेत कई शहरों में पिछले हफ़्ते हुए दंगों और लूटपाट की घटनाओं के संबंध में गिरफ़्तार किए गए लोगों संख्या 1600 हो गई है। ब्रिटेन की गृह मंत्री टरेसा मे ने कहा है कि लंदन में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात होंगे।

लंदन की मैट्रिपॉलिटन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी स्टीफ़न कावानाघ ने कहा है कि इस सप्ताह के अंत में लंदन में 16,000 पुलिस अधिकारी तैनात होंगे। आम तौर पर 2500 पुलिस अधिकारी तैनात होते हैं।

उधर पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायतों के स्वतंत्र आयोग ने माना है कि हो सकता है कि पुलिस की फ़ायरिंग का निशाना बने मार्क डुगन के बारे में उसके बयान से पत्रकारों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हुई हो। डुगन की 29 जुलाई को पुलिस फ़ायरिंग में हुई मौत के बाद पहले लंदन और फिर कई अन्य शहरों में दंगे भड़क गए थे।

मीडिया में कई जगह आया था कि डुगन को गोली लगने से पहले एक पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई गई थी। बाद में बैलिस्टिक टेस्ट से पता चला था कि ये गोली पुलिस हथियार को लिए जारी की गई थी।

बीस प्रतिशत की उम्र 18 से कम

ब्रिटेन में इन घटनाओं से संबंधित 1600 गिरफ़्तारियों में से 1100 लंदन में हुई है और इनमें से लगभग 20 प्रतिशत लोग 18 साल से कम उम्र के थे। गिरफ़्तार किए गए लोगों में 800 के ख़िलाफ़ अदालत में आरोप पत्र दाख़िल किए जा चुके हैं।

लगभग एक लाख से ज़्यादा लोगों ने इंटरनेट पर चलाए गए एक अभियान के तहत एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें मांग की गई है कि यदि दोषी पाए गए लोगों में वो भी हो जिन्हें सरकार की ओर से भत्ता या किसी और रूप में सामाजिक मदद दी जाती हो, तो उस मदद को समाप्त कर दिया जाए।

लेकिन बीबीसी के एक कार्यक्रम में विपक्षी दल लेबर पार्टी और सत्ताधारी कंज़रवेटिव पार्टी के प्रतिनिधियों ने कहा है कि ध्यानपूर्वक सभी मामलों का अध्ययन कर, अदालत में ये तय होना चाहिए कि दोषियों को क्या सज़ा दी जानी चाहिए।

लंदन और अन्य शहरों में हुए दंगों और लूटपाट की घटनाओं में अनेक घरों, वाहनों, दुकानों को आग लगा दी गई थी, लूटमार की गई थी और कम से कम चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। अनेक लोग इन घटनाओं में घायल हुए थे।

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