बैकबोन तोड़ गई 16-17 जून की आपदा

उत्तराखंड के लिए यह वर्ष पर्यटन की दृष्टिकोण के बेहद निराशाजनक कहा जाएगा। अब तक जिन टूरिस्ट डेस्टिनेशंस और धार्मिक पर्यटन स्थानों पर पर्यटकों की खासी आवाजाही हुआ करती थी। इस साल वो कहीं भी नजर नहीं आई। कारण भी वाजिब है कि 16 व 17 जून को प्रदेश में आई आपदा के कारण पर्यटन व्यवसाय पर सबसे करारी चोट पहुंची हैं। जानकार खुद अंजान हैं कि कब तक प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय इस आपदा से उभर पाएगा? हालांकि रानीखेत, अल्मोड़ा, मसूरी, नैनीताल, ग्वालदम व धनौल्टी जैसे पर्यटक स्थल सेफ हैं, लेकिन उत्तराखंड पहुंचने वाले दुनियाभर के पर्यटकों के बीच अब तक डर कायम है, जिसके कारण यहां टूरिस्ट पहुंचने में आनाकानी कर रहे हैं।

Tourists की आमद न के बराबर

स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट की माने तो जून महीने में आई आपदा के कारण तकरीबन हजारों करोड़ रुपए का नुकसान केवल टूरिज्म इंडस्ट्री पर इस साल देखने को मिला। पीएचडी चैंबर ने तो साढ़े बारह हजार करोड़ के नुकसान का सर्वे संबंधित डिपार्टमेंट का बताया। यह नुकसान आने वाले सालों में कब तक ठीक होगा कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन हर साल करीब 3 करोड़ टूरिस्ट की आवाजाही पर भी ब्रेक लग गया है। अकेले देहरादून की बात की जाए तो हर साल यहां 20-22 लाख पर्यटक दून पहुंचा करते थे, जिनसे टूर-ट्रेवल्स, होटल्स, ढाबा सहित तमाम व्यवसायों पर 250 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

खाली पड़े हैं होटल्स

देहरादून के आस-पास के इलाके जैसे ऋषिकेश को छोड़कर चकराता, विकासनगर, मसूरी और देहरादून की बात की जाए तो जून महीने के बाद यहां टूरिस्ट्स की आमद महज 0-15 परसेंट तक ही रह गई है। इस वक्त यह सीजन में हाउसफुल रहा करता था। सरकार एडवर्टाइजमेंट के जरिए टूरिस्ट प्लेस की हकीकत बता भी रही है। फिलहाल, सबकी निगाहें प्रदेश व केंद्र सरकार की तरफ हैं। कुछ रियायत या फिर कदम उठाए जाएं तो पर्यटन व्यवसाय शुरू हो सके। हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ टैक्सेस में छूट भी दी गई। बावजूद इसके मसूरी और देहरादून में होटेल्स खाली हैं।

राजधानी में औपचारिकताएं पूरी हुई

विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म डिपार्टमेंट व जीएमवीएन की तरफ से द्रोण होटल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जीएमवीएन के जीएम प्रताप सिंह शाह मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए मिलजुल कर आगे आने की बात कही जबकि क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने कहा कि पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा, गुच्चूपानी के सौंदर्यीकरण के लिए डीएम की मौजूदगी में कमेटी का गठन किया गया है।

पर्यटन मंत्री दिल्ली में रहीं मौजूद

राजधानी में वल्र्ड टूरिज्म-डे पर औपचारिकता मात्र संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। सबको उम्मीदें थी कि पर्यटन मंत्री अमृता रावत वहां मौजूद रहकर पर्यटन के क्षेत्र में सरकार की तरफ से कुछ घोषणाएं करेंगी, लेकिन बताया गया है कि प्रदेश की पर्यटन मंत्री दिल्ली में मौजूद थीं।

गवर्नमेंट पर उपेक्षा का आरोप

मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने पर्यटन दिवस पर रामनगर में प्रोग्राम आयोजित किया। वहां भी न सीएम और न पर्यटन मंत्री शामिल हुए। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता व मुख्यमंत्री के पूर्व पर्यटन सलाहकार प्रकाश सुमन ध्यानी ने कहा कि इस उपेक्षा से साफ है कि प्रदेश की बहुगुणा सरकार पर्यटन से बिल्कुल उदासीन है।