-पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में बीसीए और बीबीए के चल रहे ओल्ड वर्जन वोकेशनल कोर्सेज

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क्कन्ञ्जहृन् : नवगठित पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कोर्सेज के नाम पर आउटडेटेड स्टडी मैटेरियल पढ़ाए जा रहे हैं। बीसीए और बीबीए सहित अन्य कोर्सेज में यह समस्या है। इसलिए वोकेशनल के स्टूडेंट्स डिग्री लेकर घूम रहे हैं। मार्केट में जॉब भी नहीं मिल रहा। वे वोकेशनल कोर्सेज के नाम पर मोटी फीस देकर और समय बर्बाद कर भी खाली हाथ हैं। कोर्सेज में समय के मुताबिक अपडेशन नहीं होने से पुराने कोर्स ही पढ़ाए जा रहे हैं। सिलेबस में दो से तीन पेपर ऐसे हैं जिसका प्रयोग 15 से 20 वर्ष पहले होता था। यानि नए यूनिवर्सिटी में ओल्ड वर्जन ही पढ़ाया जा रहा है।

एडवांस कोर्सेज की है डिमांड

पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में बीसीए में फाक्स प्रो, विजुअल बेसिक की पढ़ाई हो रही है। जबकि इसका एडवांस वर्जन आरडीबीएमएस, एचआरडीबीएमएस, एनआरडीबीएमएस और ओआरडीएमएस मार्केट में आ चुका है। इसी तरह विजुअल बेसिक की बजाय वीबी नेट की डिमांड है। अपडेटेड वर्जन देश के अन्य यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जा रहे हैं।

नए यूनिवर्सिटी से लाभ नहीं

ज्ञात हो कि मगध यूनिवर्सिटी से अलग कर पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई। अस्तित्व में आने से पहले ही स्टूडेंट्स इस समस्या को कई बार उठा चुके हैं। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन देकर शांत करा दिया जाता रहा। लेकिन पुराना सिलेबस ही मगध यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में भी पढ़ा जा रहा है। समस्या ज्यों की त्यों है। स्टूडेंट्स आवाज उठा रहे हैं पर असर नहीं है।

जॉब और प्लेसमेंट की समस्या

वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स से मोटी फीस ली जाती है। लेकिन प्लेसमेंट के नाम पर कॉलेज की ओर से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता है। कंपनियां जब प्लेसमेंट के लिए आती है या स्टूडेंट का टेस्ट लेती है तो पता चल जाता है कि समय के साथ वे अपडेटेड कोर्सेज से अवगत नहीं है। इसलिए पढ़ाई पूरी करने के बाद भी वोकेशनल के स्टूडेंट्स प्लेसमेंट से वंचित रह जाते हैं।

ई-कॉमर्स का पता नहीं

बीबीए कोर्स भी समय के साथ अपडेट नहीं है। पहले मगध यूनिवर्सिटी और अब पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में इस कोर्स में ई-कॉमर्स को जोड़ना बाकी है। जबकि आज ई-कॉमर्स की डिमांड अधिक है। समस्या सिर्फ यह नहीं है। इसमें कारपोरेट कम्यूनिकेशन की भी पढ़ाई होनी चाहिए। साहित्य विषय भी स्टूडेंट्स के काम के लायक नहीं है।

कोर्स अपडेशन की है लंबी प्रक्रिया

क्या वोकेशनल कोर्सेज को समय की मांग के अनुसार अपडेट किया जा सकता है। इसमें समस्या क्या है? इसे लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा पूछे गए सवाल पर पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी के प्रो वीसी प्रो। जीके चौधरी ने बताया कि कोर्स को अपडेट करने में काफी समय लगता है। हो सकता है कि 2019 में भी वोकेशनल कोर्सेज में अपडेशन न हो। हालांकि प्रयास चल रहा है। पहले बोर्ड ऑफ स्टडी में, फिर एकेडमिक काउंसिल और इसके बाद सिंडिकेट में जाएगा। फिर कोर्स अपडेशन को राज्यपाल सह कुलाधिपति के पास के यह अप्रूवल के लिए जाएगा।

दिल्ली में 24वां तो पटना में जारी है 19वां वर्जन

बीबीए के अलावा अन्य कोर्सेज की पढ़ाई में भी आउटडेटेड है, आउटडेटेड कोर्स पढ़ाया जा रहा है। बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस के छात्र सागर उपाध्याय ने बताया कि कोसेर्ज में बुक कीपिंग के लिए यहां डीडीसी क्लासिफिकेशन पढ़ाया जाता है। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित अन्य विश्वविद्यालयों में इसका डीडीसी वर्जन 24 पढ़ाया जाता है। जबकि यहां इसका 19वां वर्जन पढ़ाया जा रहा है। इसी प्रकार, एमबीए के स्टूडेंट सुधीर कुमार ने बताया कि मार्केटिंग की पढ़ाई में नया कुछ नहीं है। जबकि अन्य यूनिवर्सिटी में इसकी बेहतर पढ़ाई हो रही है।

यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कोर्सेज को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार अपडेट किया जाएगा। प्रयास हो रहा है, हालांकि यह लंबी प्रक्रिया है।

-प्रो जीके चौधरी,

प्रो वीसी पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी