-कोर्ट के कड़े रुख के बाद जिम्मेदारों ने जवाब देने की शुरू की तैयारियां

-250 स्टूडेंट्स को सेशन लेट होने की वजह से कर दिया था बाहर

-इसके बाद ही हो सकता है छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई फैसला

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चुनाव की आस लगाए स्टूडेंट्स को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। छात्रसंघ चुनाव यूनिवर्सिटी के लिए गले की हड्डी बन गया है, जो न निगलते बन रही है और न ही उगलते बन रही है। इस वजह से जिम्मेदार टेंशन में है और लगातार यूनिवर्सिटी बंद कर रणनीति बनाने में लगे हैं। इन सबके बीच कोर्ट गए स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के लिए संजीवनी बने हैं, जिनकी वजह से यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों को कुछ सोचने समझने की मोहल्लत मिल गई है। वहीं, सोर्सेज की मानें तो अब यूनिवर्सिटी का सारा फोकस एकेडमिक्स पर है, जिसकी वजह से चुनाव होने के आसार काफी कम हैं।

जिन्हें किया था बाहर, उन्हीं से राहत

गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने चुनाव की घोषणा के बाद उन 250 स्टूडेंट्स को वोटर बनाने और इलेक्शन लड़ने की परमिशन देने से इनकार कर दिया था, जिनका सेशन लेट था। इसमें लॉ सिक्स्थ सेमेस्टर के स्टूडेंट्स शामिल थे। इनमें से एक कैंडिडेट, जिसने चुनाव के लिए दावेदारी भी की थी, वह कोर्ट चला गया। कोर्ट में केस सुना गया, जिसके बाद कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को कड़ी फटकार लगाई और ऐसा करने की वजह पूछी। इसको लेकर यूनिवर्सिटी ने चुनाव स्थगित की बात बताते हुए कोर्ट से दो हफ्ते की मोहल्लत मांग ली थी, जिस पर कोर्ट राजी भी हो गया। यानि अब यूनिवर्सिटी को चुनाव के लिए दो हफ्ते तक नहीं सोचना है और आगे की रणनीति तैयार करनी है।

छात्रों का विरोध जारी

यूनिवर्सिटी में चुनाव की मांग को लेकर स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन जारी है। जहां कुछ छात्र नेताओं ने सोमवार को विरोध दर्ज कराने के लिए रणनीति तय की, तो वहीं समाजवादी छात्रसभा के कैंडिडेट्स ने अपने पैनल के साथ यूनिवर्सिटी के मेनगेट से कैंडिल मार्च निकाला। पदाधिकारियों और छात्र नेताओं की मौजूदगी में यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ यह विरोध मार्च कचहरी चौक स्थित अंबेडकर चौक तक मार्च किया और चुनाव कराने की मांग दोहराई। कार्यक्रम में अन्नू प्रसाद के साथ ही एहतेशाम खान, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमन यादव, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष रजनीश यादव, के साथ बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।