- डीजीपी ओपी सिंह ने यूपी 100 और जीआरपी की इंटीग्रेटेड सेवा का किया शुभारंभ

- चलती ट्रेन, प्लेटफॉर्म और स्टेशन कैंपस में 100 नंबर डायल करने पर मिल सकेगी पुलिस, फायर व मेडिकल संबंधी मदद

- ट्विटर, एप व एसएमएस के जरिये भी कर सकेंगे संपर्क

LUCKNOW: अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं, प्लेटफॉर्म पर हैं या फिर स्टेशन कैंपस में हैं और आपको पुलिस, फायर सर्विस या मेडिकल सर्विस की जरूरत है तो अब यह डायल 100 को एक कॉल पर मुहैया होगी। डीजीपी ओपी सिंह ने गुरुवार को यूपी 100 और जीआरपी की आपातकालीन सेवाओं के इंटीग्रेटेड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस मौके पर डीजीपी ने बताया कि पैसेंजर्स कॉल करने के अलावा यूपी 100 की ट्विटर सेवा, एप व एसएमएस के जरिये भी पुलिस की मदद प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, यूपी 100 अब रेल सेवा के दौरान होने वाली आपराधिक घटनाओं का भी डाटा बेस तैयार करेगी। इस मौके पर एडीजी रेलवे, एडीजी आईटेक्स, एडीजी पीएसी, एडीजी टेक्निकल सर्विसेज, एडीजी लॉजिस्टिक्स, एडीजी क्राइम व अन्य सीनियर ऑफिसर्स मौजूद थे।

क्विक और स्मार्ट रिस्पॉन्स की कवायद

इंदिरा भवन स्थित जीआरपी मुख्यालय में डीजीपी ओपी सिंह ने इंस्पेक्टर जीआरपी चारबाग को एसओपी की पुस्तिका देकर व कंट्रोल रूम का फीता काटकर सेवा का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंनेकहा कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी के उपयोग से पुलिस की जॉब ओरिएंटेड छवि उभर कर सामने आ रही है। आम लोगों की सुरक्षा की भावना को संवेदनशीलता से भांप कर उस पर त्वरित स्मार्ट रिस्पॉन्स देने से पुलिस आगे बढ़ती रहेगी। यात्रियों के लिये आने वाले समय में सभी इंटीग्रेटेड यूनिट्स द्वारा तत्परता से सेवा प्रदान की जायेगी। इंटीग्रेटेड सिस्टम का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है, जो आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिये भी अनुकरणीय हो सकता है।

पैसेंजर्स को मिलेगा फायदा

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि यूपी देश के रेल मैप पर सबसे ज्यादा व्यस्त राज्यों में से एक है। पुलिस मदद की सेवा के इंटीग्रेशन के बाद ट्रेन से कॉल करने वाले यात्रियों की लोकेशन खुद मिल जाएगी, जिससे उन्हें जरूरत की जगह पर तुरंत मदद मिल सकेगी। बीते दो साल से यूपी 100 की नेटवर्क एक्टिवनेस और प्रोफेशनल स्किल का फायदा जीआरपी के जरिये रेल पैसेंजर्स को मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि इस इंटीग्रेशन में जीआरपी मुख्यालय, आईजी जोन (रेलवे) प्रयागराज और सभी जीआरपी अनुभागों के कंट्रोल रूम को जोड़ा गया है। इसके लिये कंट्रोल रूम को एक-एक मॉनीटरिंग टर्मिनल के जरिये यूपी 100 मुख्यालय से जोड़ा गया है। साथ ही 65 जीआरपी थानों को एक, दो या तीन एमटीडी यानी कुल 83 एमटीडी प्रदान की गई हैं।

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सिस्टम ऐसे करेगा काम

जिस भी पैसेंजर को पुलिस की मदद की जरूरत होगी वह यूपी 100 पर कॉल करेगा। कॉल रिसीव होते हुए यूपी 100 मुख्यालय में शिकायत को दर्ज कर इवेंट बनाया जाएगा। फिर इसे एक साथ संबंधित जीआरपी थाने के मोबाइल डाटा टर्मिनल और संबंधित रेल अनुभाग के कंट्रोल रूम को भेज दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर यूपी 100 की उस जगह के आसपास मौजूद पीआरवी, लोकल पुलिस, फायर सर्विस और एंबुलेंस को भी बताया जाएगा। ज्यादा गंभीर शिकायत होने पर इसकी सूचना सीनियर ऑफिसर्स को भी भेजी जाएगी। सभी यूनिट्स स्पेशल ऑपरेशन प्रोसीजर के मुताबिक कम से कम समय में जरूरतमंद को सहायता पहुंचाएंगे।