सड़क पर उतरे, सपा मुखिया से फैसला वापस लेने की मांग

ALLAHABAD: सपा की लिस्ट से इतर सीएम द्वारा अपनी लिस्ट घोषित करने को अनुशासन हीनता बताते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह से बेटे अखिलेश को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। नेता जी के इस अप्रत्याशित फैसले से की खबर इलाहाबाद पहुंचते ही अखिलेश समर्थक गुस्से से आग बबूला हो गए।

धरने पर बैठे सीएम समर्थक

सीएम का समर्थन करने वाले नेता व समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए देर शाम सुभाष चौराहे पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। सीएम का निलंबन वापस लेने के साथ ही उन्हें दुबारा पार्टी में सम्मान स्थान दिए जाने की मांग करने लगे।

उधर सीएम के निष्कासन की खबर आने के बाद ही सपा कार्यालय में ताला लटक गया। जिले में पार्टी के बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली। सपा जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव व सोरांव विधायक सत्यवीर मुन्ना जैसे नेताओं ने मीडिया से दूरी बना ली।

हम सभी नेता जी के इस फैसले से आहत हैं। यह फैसला पार्टी को भारी पड़ सकता है। हम सीएम अखिलेश यादव के साथ आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं।

ऋचा सिंह, सीएम समर्थित कैंडिडेट

हम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी के साथ हैं। पार्टी मुखिया के नाते हम नेता जी का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने सीएम को पार्टी से निष्कासित कर ठीक नहीं किया।

आकिब, नगर अध्यक्ष सछास

परिवारवाद में ये अलगाववाद तो होना ही था। सपा की कलई जनता के सामने खुल चुकी है। इससे चुनाव में बसपा को फायदा मिलने जा रहा है।

हरिश चंद्र कुरील, जिलाध्यक्ष, बसपा

अब यूपी की राजनीति से सपा का सफाया होना तय है। इस अलगाववाद का असर केवल सपा पर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश पर नहीं। प्रदेश की जनता के आंखों से पट्टी हट चुकी है।

अनिल द्विवेदी, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

यह इस बात का उदाहरण है कि सपा ऐसी पार्टी है जिसमें सत्ता के लिए किसी की भी बलि चढ़ाई जा सकती है। आने वाले समय में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएगी।

अवधेश गुप्ता, महानगर अध्यक्ष भाजपा