लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी

एसएसपी आगरा अमित पाठक ने बीती 17 जनवरी को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि पुलिस कर्मचारियों की सुरक्षा, यातायात नियमों का अनुपालन और यातायात अनुशासन कायम रखने के लिये दृष्टिगत यह जरूरी है कि दोपहिया वाहन के प्रयोग के समय सभी पुलिसकर्मी अनिवार्य रूप से हेलमेट धारण करें। आदेश में सभी प्रभारी निरीक्षकों व शाखा प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई कि वे सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी पुलिस लाइन, थाना या शाखाओं के कैंपस में बिना हेलमेट धारण किये प्रवेश नहीं करेंगे। इसका अनुपालन न करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ यातायात नियमों के उल्लंघन के साथ ही विभागीय दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही सभी थानों, पुलिस लाइन व शाखाओं के मेन गेट पर 4 गुणा तीन फीट के बोर्ड में 'नो हेलमेट-नो एंट्री' का बोर्ड लगाने के लिये भी कहा गया।

पहल का दिखा असर

एसएसपी के आदेश पर तुरंत सभी थानों, पुलिस लाइन व शाखाओं के गेट पर बोर्ड लगा दिये गए। साथ ही लापरवाह पुलिसकर्मियों की एंट्री रोक उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करा दी गई। कार्रवाई का भय और एंट्री न होने के चलते पुलिसकर्मियों ने हेलमेट धारण करना मुनासिब समझा और बाइक व स्कूटी से आने वाले पुलिसकर्मी शत-प्रतिशत हेलमेट धारण करने लगे। महज 24 घंटे में सकारात्मक परिणाम से डीएम गौरव दयाल भी प्रभावित हुए और उन्होंने भी कलेक्ट्रेट व सभी तहसीलों में इस नियम को लागू कर दिया। वहां भी रिजल्ट सकारात्मक रहा। इस अनूठी पहल की भनक डीजीपी मुख्यालय पहुंची तो एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने इस बारे में जानकारी ली।

हालात बदलने के लिये शुरू की मुहिम

एसएसपी आगरा अमित पाठक ने बताया कि आमतौर पर देखा गया है कि हेलमेट न धारण करने की वजह से हादसों में बाइक सवारों को असामयिक मृत्यु हो जाती है और उनका परिवार परेशानी झेलता है। पुलिस ऐसे बाइक सवारों का चालान कर उनसे जुर्माना वसूलती है। पर, इससे हालात में कोई बदलाव नहीं होता। चालान के बाद भी बाइकसवार बिना हेलमेट धारण किये बाइक चलाते हैं। इस हालात को बदलने के लिये पहले पुलिस विभाग में 'नो हेलमेट-नो एंट्रीÓ मुहिम शुरू की, जिसका परिणाम बेहद सकारात्मक रहा। इसकी देखादेखी जिला प्रशासन व अन्य सरकारी विभागों ने भी इसे लागू किया, जिसके बाद उनके कर्मचारी भी हेलमेट धारण कर दफ्तर आने लगे हैं। अब तो व्यापार मंडल, फैक्ट्री संचालक, कोचिंग व कॉलेज भी इस मुहिम में स्वेच्छा से जुड़ रहे हैं और यह मुहिम एक अभियान का रूप धारण कर रही है। कोट एसएसपी आगरा की पहल वाकई सराहनीय है। इसका अध्ययन कराया जा रहा है और इसे पूरे प्रदेश में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

- आनंद कुमार

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

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