-बनारस पुलिस के हेल्पिंग नेचर को प्रवासियों ने सराहा, फीडबैक में यूपी पुलिस को दिया सौ में सौ नंबर

-तीन दिन में प्रवासियों की समस्याओं को चुटकियों में निपटाया

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VARANASI : अमेरिका के सतीश जानी का बैग अस्सी घाट पर घूमने के दौरान मिस हो गया था। बनारस पुलिस के पास शिकायत पहुंची तो दो घंटे के अंदर ढूंढ़ निकाला। बैग पाकर सतीश खुशी से झूम उठे और यूपी पुलिस को धन्यवाद दिया।

 

केस-2

टेंट सिटी में गुरुशरण कौर कांद्रा का आईफोन-7 गुम हो गया। टेंट सिटी में स्थित पुलिस चौकी पर शिकायत पहुंची तो एसआई सुरेंद्र सिंह व संजय यादव ने आईफोन को घंटे भर के अंदर ढूंढ़ निकाला और गुरुशरण को वापस लौटाया।

 


केस-3

प्रवासी सम्मेलन में दुबई से आई दिव्यांग सोबिता कालरा को टीएफसी में भ्रमण करना था, मगर पैर से अक्षम दिव्यांग की मुश्किलों को यूपी पुलिस ने आसान बनाते हुए व्हील चेयर अवेलेबल कराया।

 


एक्सिलेंटअमेजिंग यूपी पुलिस

यह केस तो महज एक बानगी भर रहा। तीन दिवसीय प्रवासी सम्मेलन में सात समुंदर पार से पहुंचे प्रवासियों को बनारस पुलिस खूब भायी। बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर बड़ा लालपुर टीएफसी, ऐढ़े में बसा टेंट सिटी हो या फिर गंगा घाटों और बाबा विश्वनाथ मंदिर पर तैनात पुलिस ने प्रवासियों को हर कदम पर साथ दिया। परेशानियों के भंवर में फंसे प्रवासियों के विश्वास पर कायम रहते हुए यूपी पुलिस ने उन्हें उबारा और एक नई नजीर भी पेश की। काशी से यूपी पुलिस का प्यार लेकर लौटने वाले प्रवासियों ने बनारस पुलिस के जगह-जगह बने अस्थाई केंद्रों पर रखे रजिस्ट्रर में वैरी गुड, एक्सीलेंट, अमेजिंग आदि बेहतरीन शब्दों से अपनी भावनाओं को जागृत किया है। यह यूपी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यूपी पुलिस को जिस सराहना की दरकार थी, प्रवासियों ने उसे जाते-जाते पूरा कर दिया। बेशक, यह डयूटी के प्रति यूपी पुलिस के एक-एक पुलिसकर्मियों के लगनशीलता, कर्मठता और कर्तव्यनिष्ठा का नतीजा रहा है।

 

यह सफलता हर किसी की लगन, ईमानदारी से की गई मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा के बदौलत ही संभव हो पाया है। वैसे भी मेहमान का सेवा-सत्कार करना ही हर भारतीय का धर्म होता है।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी