यूपीपीएससी को चार माह बाद मिला स्थाई अध्यक्ष

कार्यभार ग्रहण कर अफसरों को सुनाया श्रीमद् भगवत गीता का सार

ALLAHABAD: पिछले चार महीने से कार्यवाहक अध्यक्ष से सहारे खिसक रही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की गाड़ी मंगलवार को स्थाई मुकाम पर पहुंच गई। डॉ। अनिरुद्ध यादव ने मंगलवार को यूपीपीएससी के स्थाई अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। लेकिन शपथ ग्रहण करने के बाद नए अध्यक्ष ने अफसरों व कर्मचारियों को महाभारत व भगवत गीता का ऐसा सार सुनाया कि सभी को लगा कि जैसे वासुदेव कृष्ण ही अवतार लेकर आ गए हैं। नए चेयरमैन ने गीता के उपदेश सुनाकर ईमानदारी, मानवता और सच्चाई की सीख दी।

बोले जीवन नश्वर

यूपीपीएससी पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कारनामों से उबरने की कोशिश में है। ऐसे में नए चेयरमैन के अल्फाज से एक के बाद एक छलक रहे आध्यात्मिक शब्दों ने आयोग के लोगों को खासी राहत दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन पर जो विश्वास जताया है उसे वह अपने कामकाज से सार्थक करेंगे। चेयरमैन डॉ। अनिरुद्ध सिंह यादव ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें पूरी सत्यनिष्ठा के साथ आगे बढ़ना होगा। पत्रकारों से बातचीत में भी चेयरमैन का रुख बदला नहीं। मीडिया के चुभते सवालों पर उन्होंने नश्वर जीवन, प्रयाग की महत्ता, ऋषि मुनियों के आदर्श से सीख लेने की प्रेरणा दी।

सीबीआई जांच पर नो कमेंट

उन्होंने कहा कि बुराई के लिए बुराई न करें। आयोग में जाति विशेष के चयन से संबंधित सवालों पर उन्होंने महाभारत के युद्ध का संक्षिप्त विवरण सुनाया और कहा कि कोई जात पात नहीं, सब अपने भाई बंधु हैं। इनमें विभेद किया जाएगा तो महाभारत के युद्ध जैसे परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि वे रात्रि में सोते हैं तो सोचते हैं कि कहीं कोई गलती तो नहीं की। हालांकि, पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल की सीबीआई जांच से जुड़े सवालों पर उन्होंने नो कमेंट कहकर विराम लगा दिया। कहा कि मिस्टेक को प्वाइंट आउट करना है। गुणवत्ता को बरकरार रखना उनकी प्राथमिकता होगी।

छात्रहित रहेगा सर्वोपरि

चेयरमैन ने दूसरे जनपदों में परीक्षा केन्द्र बनने पर रोक लगाने, सीसैट से प्रभावित अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर देने, स्केलिंग फार्मूले के री-इवैलुएशन, करेक्ट आंसर की जारी करने, रिवाइज्ड आंसर की को कांटीन्यू रखने, मिस कम्यूनिकेशन को खत्म करने इत्यादि सवालों पर कहा कि वे प्रतियोगियों की सभी मांगों पर विचार करेंगे। जो भी नियमों के अरुरूप होगा उसे लागू करने में वे पीछे नहीं हटेंगे। चेयरमैन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में छात्रहित है। इसी के लिए वे आए हैं। डॉ। अनिरुद्ध सिंह यादव ने आगरा यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। पीएचडी में उनका टॉपिक श्रीलंका की जाति समस्या सुलझाने में भारत शांति सेना की भूमिका था। वे जीबी पंत कॉलेज कछला बदांयू में प्रिंसिपल रह चुके हैं।