अंकारा (एएफपी)। अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोंपियो लापता पत्रकार की तलाश को लेकर इन दिनों रियाद पहुंचे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब ने लापता पत्रकार जमाल खाशोग्गी पर पूरी तरह से जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करने का वादा तो कर दिया था लेकिन देश उन्हें मारने से इंकार कर रहा है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकार का पता लगाने के लिए पोंपियो को तुरंत रियाद भेज दिया था। पूरे दिन सऊदी में बातचीत के बाद, पोंपियों के एक बयान और ट्रंप के एक ट्वीट में कहा गया कि सऊदी नेतृत्व ने सख्ती के साथ इस बात से इंकार किया है कि उन्हें वाणिज्य दूतावास में क्या हुआ, इसके बारे में कोई जानकारी हैं और साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि दूतावास में ऐसी घटना हुई इसमें उन्हें संदेह है।

सऊदी को देना होगा जवाब
पोंपियो ने अपने बयान में कहा, 'सऊदी के बड़े अधिकारियों और नेताओं को लापता पत्रकार का पता लगाने के लिए कुछ सबूतों पर जवाब देना होगा।' इसके अलावा ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा, 'आप जानते हैं, आप निर्दोष साबित होने तक दोषी हैं।' उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, 'मुझे यह पसंद नहीं है। हम न्यायमूर्ति कवानाघ के साथ हैं और जहां तक ​​मेरा ख्याल है, वह निर्दोष थे।' गौरतलब है कि 59 वर्षीय अनुभवी पत्रकार, जमाल खाशोग्गी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद गायब हो गए थे। वे वहां अपने तलाक के दस्तावेजो को लेने के लिए गए थे। तुर्की सरकार ने कहा था कि पुलिस का मानना ​​है कि जमाल को दूतावास के अंदर ही मार दिया गया है। हालांकि, रियाद ने पुलिस के इस दावों आधारहीन बताकर खारिज कर दिया था। इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि अगर पत्रकार के मौत की पुष्टि हो जाती है और सऊदी अरब का हाथ इसमें होता है तो उसे कड़ी कार्रवाई के साथ दंड का सामना करना पड़ेगा।

खोजने पर चल रही जांच
लापता पत्रकार की खोज करने के लिए फिलहाल तुर्की के जांचकर्ता सीसीटीवी फुटेज समेत कई अन्य पहलुओं की जांच कर रहे हैं। जमाल खाशोग्गी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बड़े आलोचक थे और वे अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में बतौर कॉंट्रिब्यूटर काम करते थे। बता दें कि जमाल, एक पूर्व सरकारी भी सलाहकार हैं और इन्होंने राजकुमार मोहम्मद की कुछ नीतियों और यमन में हुए युद्ध में रियाद के हस्तक्षेप की आलोचना की थी। वह अपने गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले साल सितंबर से अमेरिका में रह रहे थे।

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