कीड़े के आकार का यह ड्रोन हासिल करने को यूएस आर्मी ने की भारी भरकम डील

कानपुर। थर्मल इमेजिंग फर्म फ्लिर ने यूएस आर्मी के साथ 2.6 मिलियन डॉलर का एक करार किया है। जिसके मुताबिक यह कंपनी अमेरिकी सेना को कई ब्लैक होरनेट नैनो ड्रोन उपलब्ध कराएगी। डेलीमेल की रिपोर्ट बता रही है कि यह ड्रोन देखने में एक छोटे पतंगे या कीड़े के आकार का है, लेकिन यह उड़ता बिल्कुल हेलीकॉप्टर की तरह है। बचपन में आपने एक हेलीकॉप्टर जैसा पतंगा देखा होगा तो यकीन मानिए यह जासूसी ड्रोन बिल्कुल उसके ही आकार का ही है, लेकिन इसकी खूबियां हैरान करने वाली हैं।

ब्लैक होरनेट नैनो ड्रोन बैटल फील्ड में बनेगा सबसे छोटा लेकिन पावरफुल सैनिक

सीनेट वेबसाइट की रिपोर्ट में लिखा है कि ब्लैक होरनेट नैनो ड्रोन सीरीज का लेटेस्ट वर्जन यानि ब्लैक होरनेट 3 अमरीकी सेना को मिलने वाला है। इस नैनो ड्रोन का वजन सिर्फ 32 ग्राम है। आकार में इतना छोटा होने के बावजूद यह ड्रोन 21किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2 किलोमीटर के इलाके में उड़ते हुए तमाम तरह की निगरानी और जासूसी कर सकता है। रेडार की जबरदस्त निगरानी वाले क्षेत्र में भी यह नन्हा सा ड्रोन बिना किसी को भनक लगे आसानी से उड़ते हुए पूरे युद्ध क्षेत्र का जायजा ले सकता है।

us आर्मी को मिल रहा है पतंगे के आकार का नन्‍हा जासूसी ड्रोन,इसकी खूबियां हर दुश्‍मन को कर देंगी परेशान


हेलीकॉप्टर की तरह उड़ते हुए हाईटेक कैमरे से कर सकता है बेहतरीन निगरानी

डेलीमेल ने बताया कि यह ड्रोन बिल्कुल छोटे से हेलीकॉप्टर की तरह काम करता है, जिसे रिमोट की मदद से कोई भी सैनिक ऑपरेट कर सकता है। इस नैनो ड्रोन में थर्मल माइक्रो कैमरा लगा हुआ है जो कि कम रोशनी और धुंध में भी बहुत ही साफ तस्वीरें उपलब्ध कराता है। इसके कैमरे से आने वाली फुटेज को सैनिक एक टैबलेट के आकार वाले डिस्प्ले पर रियल टाइम में देख सकते हैं। इससे युद्धक्षेत्र में सैनिकों की रणनीति ज्यादा प्रभावी साबित होगी। इसे बनाने वाली कंपनी के मुताबिक उन्होंने अभी तक ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में दुनिया के 30 देशों को ऐसे ड्रोन उपलब्ध कराएं हैं।

हथेली पर रखकर उड़ाया जा सकता है यह 

यह नन्हा ड्रोन वाकई आकार में इतना छोटा है कि कोई भी सैनिक अपनी छोटी सी पॉकेट में इसे छुपा सकता है। और तो और इसे अपनी हथेली पर रखकर उड़ाया या लैंड कराया जा सकता है। रिमोट से चलने वाला ड्रोन कहीं से भी उड़ाया जा सकता है और फिर उसे निर्धारित एरिया में घुमाते हुए वापस उड़ाने वाले के पास तक पहुंचाया जा सकता है।

AI से लैस कराने की कड़ी में आर्मी को मिलेगा यह नन्हा और शक्तिशाली सैनिक

अपने सैनिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग प्रोग्राम सिखाने के क्रम में यूएस मिलिट्री ने यह नन्हा ड्रोन लेने का फैसला किया है। वैसे यह बात तो आप जान ही चुके हैं इस नन्हें और बेहतरीन जासूसी ड्रोन को खरीदने वाला अमेरिका पहला देश नहीं है। इससे पहले भी दुनिया के तकरीबन 30 देश कुछ ऐसे ही ड्रोन यूज कर रहे है। वैसे इसे देखकर एक बात जरूर हमारे आपके दिल में आ रही है, कि भारत की सीमाओं की रक्षा कर रहे हमारे सैनिकों के पास भी ऐसे ड्रोन होने चाहिए, ताकि उनका युद्धकौशल दुनिया की किसी भी सेना से कमतर न हो।

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