-कुल मौतों का पचास फीसदी भारत में मर जाते हैं बच्चे

-नौ माह के बच्चों से लेकर 15 साल तक के किशोरों को लगेगा टीका

ALLAHABAD: प्रदेश में पहली बार मीजल्स रुबेला का सरकारी निशुल्क टीकाकरण होने जा रहा है। इसके लगने के बाद बच्चे और किशोरों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया जा सकेगा। बता दें कि इलाहाबाद में बीस लाख को यह टीका लगाया जाना है।

सितंबर में शुरू होगा अभियान

इलाहाबाद में मीजल्स रुबेला टीका लगाने का अभियान 24 सितंबर से शुरू होना है। यह टीका सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों आदि में दिए जाएंगे। इसमें नौ माह से 15 साल तक के बच्चे व किशोरों को शामिल किया जाएगा। रुबेला संक्रमण से होने वाली बीमारी है। इसे कभी कभी जर्मन खसरा भी कहते हैं। हालांकि रुबेला वायरस का खसरा वायरस से कोई संबंध नहीं है।

नहीं है सीधा इलाज

रुबेला बीमारी का सीधा इलाज मौजूद नही है। इसकी जटिलताएं बच्चों की तुलना में व्यस्कों को अधिक होती है। रोग का प्रमुख खतरा है कन्जेनिटल रुबेला सिंड्रोम, जो किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान संक्रमण होने पर भ्रूण तक पहुंच सकता है। इससे बच्चों में बहरापन, आखों की खराबी, ह्रदय संबंधी बीमारी आदि हो सकती है। जानकारी के मुताबिक टीका पूरी तरह सुरक्षित है। लालीपन, बुखार और शरीर में चकत्ता का होना जैसे लक्षण टीकाकरण के बाद देखने में आ सकता है ।

क्या है रुबेला का लक्षण

- बुखार, मिचली और प्रमुख रूप से गुलाबी या लाल चकत्तों के निशान चेहरे पर निकलते हैं। फिर यह नीचे की तरफ फैलता है और एक से तीन दिन तक रहता है।

-संक्रमित व्यक्ति रुबेला के चकत्तो के निकलने के एक हफ्ते पहले भी और इसके पहली बार चकत्ते निकलने के एक हफ्ते बाद तक संक्रमक हो सकते हैं।

विश्व के कई देशों में इस टीके का प्रयोग कई सालों से हो रहा है। अब प्रदेश में यह पहली बार लगाया जाएगा। इससे बच्चों का जीवन इस खतरनाक वायरस से सुरक्षित होगा।

डॉ। आशुतोष कुमार, प्रभारी अधिकारी टीकाकरण, स्वास्थ्य विभाग