-बनारस के कई इलाकों में चल रहीं अवैध पटाखों फैक्टरियां

-कई बार हुए हादसों में जा चुकी हैं कई जानें

बनारस से सटी कालीन नगरी भदोही में एक मकान में हुए विस्फोट से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत ने सबको हिला डाला। मकान में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। ऐसी ही घटनाएं बनारस में भी हो चुकी हैं। हादसे दर हादसे के बावजूद बारूद का यह खेल बंद नहीं हो रहा है। शहर के तमाम इलाकों में आतिशबाजी का गोदाम बना लिया गया है। इसकी जानकारी हर किसी को बखूबी है लेकिन इस पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं कर रहा है।

मकान में पटाखा बनाने के दौरान कई विभत्स घटनाएं भी हो चुकी हैं। दिवाली से पहले ही 24 अक्टूबर को लहरतारा स्थित दो मंजिला मकान आतिशबाजी के दौरान विस्फोट से जमीदोंज हो गया था। हादसे में बच्ची सहित दो की दर्दनाक मौत हो गई थी।

हर तरफ है खतरा

दालमंडी, हड़हा सराय, राजा दरवाजा, नई सड़क, औरंगाबाद, पिंतरकुंडा, लोहता आदि एरिया में पटाखों के अवैध कारखाने या गोदाम हैं। हड़हा समेत राजादरवाजा से सटे इलाकों की तंग गलियों में घर-घर में पटाखों का अवैध धंधा होता है। जिन घरों में इनका जमा किया जाता है वहां आग लगने पर काबू करना बेहद मुश्किल होता है।

घर में भर रहे बारूद

दालमंडी में प्रतिबंध के बावजूद भारी मात्रा में पटाखे जमा किए जा रहे हैं। इसके लिए अवैध काबोरियों ने मोटी रकम देकर कई मकानों को किराये पर ले लिया है। हड़हासराय और बेनिया इलाके में गलियों में बने मकान के मालिक पटाखों के स्टोरेज के लिए दस से 20 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं।

नहीं मानते आदेश

- लाइसेंस की शर्त के मुताबिक पटाखा स्टोरेज करने की व्यवस्था शहर से बाहर होनी चाहिए

- शहर में ऑफिस में सिर्फ सैंपल के तौर पर रख सकते हैं पटाखें

- आदेश को ताक पर रखकर रजिस्टर्ड एजेंसी वाले भी ऑफिस के नाम पर ही करते हैं पटाखे का स्टोरेज

- इस काम के लिए भी ये लोग दालमंडी और बेनिया इलाके का ही करते हैं इस्तेमाल

- अवैध पटाखा फैक्ट्रियों या गोदाम में छोटी सी चिंगारी भी बड़े हादसे का जिम्मेदार होगी

- आग लगने की दशा में आसपास के घरों को भी है खतरा

ये हैं मानक

- भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखे का गोदाम तो दूर दुकानें भी नहीं खुल सकतीं

- गोदाम में पटाखे रखने और बेचने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति जरूरी

- अनुमति के बाद मैदान या खुले स्थानों पर ही पटाखे रखे या बेचे जा सकते हैं

- दीपावली में केवल तीन दिन ही पटाखे बेचने की अनुमति देने का प्रावधान है

- अस्थाई तौर पर दिवाली पर पटाखा ब्रिकी के लिए जारी होते हैं अस्थाई लाइसेंस

- दुकानदारों के पास अग्निशमन यंत्र

और उससे जुड़े सभी प्रबंध होने चाहिए

कब कब हुआ है हादसा

24

अक्टूबर 2018 को लहरतारा स्थित दो मंजिला मकान में अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट से बच्ची समेत दो की मौत हुई थी।

25 अक्टूबर 2016 को चेतगंज थाना एरिया के पितरकुंडा स्थित अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था, इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।

-18 नवंबर 2016 को पिंतरकुंडा इलाके में कूढ़े के ढेर में विस्फोट होने से एक सफाईकर्मी जख्मी हो गया था

-एक फरवरी 2017 को मंडुवाडीह पुलिस ने चार युवकों के पास से एक टन विस्फोटक बरामद किया था, विस्फोटक से हथगोला बनाया जाना था।