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VARANASI। कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक बीम मंगलवार की शाम अचानक सड़क पर गिर पड़ा। इसकी चपेट में आधा दर्जन से अधिक वाहन गए। जिसमें सवार दर्जनों लोगों के दबे होने की आशंका है। बचाव कार्य में लगी पुलिस, एनडीआरएफ, सेना और सीआरपीएफ की टीम ने देर रात तक 16 शव निकाल लिया था। मृतकों और घायलों की संख्या बढऩे की आशंका है। मरने वालों में बच्चे भी है। घायलों को मंडलीय हास्पिटल, बीएचयू ट्रामा सेंटर व आसपास के निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। बीम के मलबे में एक सिटी बस के अलावा पांच चार पहिया वाहन और दो आटो भी दबे हैं।

 

सुबह चढ़ाया गया था बीम

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण कार्य पिछले तीन साल से चल रहा है। आधा से अधिक काम पूरा हो चुका है। तकरीबन 28-28 मीटर दूर बने पिलर को जोडऩे के लिए बीच में पांच बीम बांधे गये हैं। इन बीम को पहले नीचे ढाल लिया जाता है और फिर उसे तैयार होने पर पिलर पर चढ़ाया जाता है। सुबह के वक्त चढ़ाए गए सबसे किनारे के बीम के एलाइनमेंट का काम चल रहा था।

वाराणसी: फ्लाईओवर का कई टन वजनी बीम 60 फीट ऊँचाई से गिरा चलती सड़क पर,हादसे में 16 की मौत

लगा हुआ था जाम

शाम 5.30 बजे के आसपास अचानक बीम असंतुलित हुआ। एलाइनमेंट कर रहे मजदूरों ने शोर मचाया मगर शाम का वक्त होने के कारण नीचे सर्विस लेन पर जाम लगा हुआ था। लोग कुछ समझ पाते तब तक 60 फीट की ऊंचाई से 30 मीटर लंबा और 8 फीट चौड़ा बीम सर्विस लेन पर गिर पड़ा। सिटी बस समेत आधा दर्जन वाहन इसके नीचे दबकर चकनाचूर हो गए। कुछ पैदल चल रहे लोग भी इसके नीचे दब गए तो बीम से बाल-बाल बचे लोग अपने वाहन वहीं छोड़कर भाग निकले।

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16 लाशें निकाली गईं

बीम के नीचे सिटी बस का पिछला हिस्सा दबा हुआ था। इसमें कई लोग दब गए। बचे हुए यात्री चीख-पुकार करते हुए भाग निकले। मौके पर पुलिस, एनडीआरएफ और सीआरपीएफ के जवान पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सेना के जवानों को बुलाया पड़ा। एडीजी जोन, आईजी और एसएसपी भी पूरे समय घटनास्थल पर डटे रहे।

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नौ क्रेन भी नहीं उठा सकीं बीम

बीम के नीचे दबी गाडिय़ों से लोगों को निकालने के लिए क्रेन मंगाई गईं। एक के बाद एक नौ क्रेन बीम को बमुश्किल पांच फीट ही उठा सकीं। सभी गाडिय़ों को एक-एक कर निकाला गया और घायलों और लाशों को अस्पताल पहुंचाया गया। देर रात तक बचाव कार्य जारी रहा।

 

सेतु निगम की लापरवाही

राज्य सेतु निगम की लापरवाही का का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस रूट पर यातायात रोका नहीं गया था। हालांकि प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया। क्रेन से बीम को हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया। देर रात तक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बनारस पहुंचने की सूचना है। पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख जताया है।

 

 

मुख्यमंत्री ने गहरा दुख व्यक्त किया, मुआवजे की घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम वाराणसी के कैंट इलाके में निर्माणाधीन पुल गिरने से हुई लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए है। सीएम को इस घटना की जानकारी कैबिनेट बैठक के दौरान मिली जिसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और मंत्री नीलकंठ तिवारी को तत्काल वाराणसी जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने घटना की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भी गठित की है जो 48 घंटों के भीतर उन्हें अपनी रिपोर्ट देगी।

 

 

 

जांच कमेटी गठित की, दोषी अधिकारियों की करेगी पहचान

सीएम द्वारा गठित टीम में कृषि उत्पादन आयुक्त आरपी सिंह, सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ भूपेंद्र शर्मा एवं जल निगम के प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल को शामिल किया गया है। टीम को इस घटना की पूरी जांच तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित करने एवं तकनीकी व अन्य सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे तत्काल प्रभावितों को हरसंभव मदद मुहैया कराएं। मालूम हो कि एनडीआरएफ के 250 जवानों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

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