सफलता, खुशी और सरलता हर एक के जीवन में होनी चाहिए। लोग इन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयास भी करते हैं। यह अलग बात है कि सबको एक समान सफलता नहीं मिलती है। मैंने देखा है कि यदि जगह की वास्तु वाइब्स का ध्यान रखकर निर्माण कराया जाता है, तो सफलता, शांति और सरलता का प्रतिशत जीवन में बढ़ता है।

मित्रों, मेरे कहने का तात्पर्य बस इतना है कि आप जहां भी रह रहे हैं वह घर या फ्लैट आपका अपना हो या किराए का, यदि उस जगह में वास्तु वाइब्स का संतुलन बनाकर चलेंगे तो आपको जीवन में सुपरिणाम देखने को मिलेंगे। यह ज्ञान हम सबको अच्छा और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

1. हम बात करें यदि रिश्तों की तो घर का उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम का हिस्सा वास्तु अनुकूल हो तो बेहतर है। दक्षिण-पश्चिम की तरफ यदि किसी भी तरह का कोई वास्तु दोष नहीं होगा, तो व्यक्ति के संबंध बेहतर होने लगते हैं। समाज में लोग उन्हें एक पहचान, यश देते हैं।

2. दक्षिण-पश्चिम में किसी तरह का कोई बेकार का सामान न पड़ा हो, यह ध्यान रखें। यदि हो भी, तो जो सामान काम का हो उसे साफ करके व्यवस्थित करके रखें। यहां किसी भी तरह का कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब न पड़ा हो। यदि हो तो उसे हटा दें। घर के इस कोने में पूरे परिवार की फोटो लगाएं।

3. उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा भी दोष मुक्त हो तो यह रिश्तों के लिहाज से अच्छा है। यहां पित्तरों की फोटो न हो। घर में इन दिशाओं में किसी भी तरह का कोई वीभत्स पोस्टर या फोटो न लगा हो, इस बात का ध्यान रखें।

4. दक्षिण पश्चिम कोने में रोज क्वॉट्र्ज को साफ पानी से धोकर शुक्रवार के दिन रखें और इसी के पास गुलाब के इत्र की कुछ बूंदे लगाकर रखें। इससे भी रिश्तों में सामंजस्य आने लगता है, घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और स्थितियां भी बेहतर होती हैं।

5. घर में बड़े या वृद्ध लोग अपना शयन कक्ष दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम की तरफ बना सकते हैं। कमरे में हल्के रंगों का उपयोग उन्हें अच्छी नींद देने और शांति का अनुभव कराने में मददगार साबित होगा।

6. रिश्तों में मधुरता लाने के लिए दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में दंपति का अपना फोटो लगा होना चाहिए। इसके अलावा पर्दों के रंग का चयन भी हल्का होना चाहिए।

7. दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ ऑयल डिफ्यूजर का उपयोग करें।

8. शयन कक्ष में सोते समय यदि व्यक्ति का सिर पूर्व या पश्चिम की तरफ होगा, तो अच्छा है। इससे सुबह उठने में ताजगी का अनुभव होगा।

9. शयन कक्ष में ध्यान दें कि पलंग के आस-पास दर्पण न हो। यदि हो तो ध्यान रखें कि आपका अक्स, सोते समय उसमें न दिखे। अगर कमरे में ज्यादा जगह न हो, तो दर्पण हटाने की जगह रात में उसपर पर्दा डाल दें और सुबह हटा दें। 

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