- यूपी बोर्ड ने जारी किया सिलेबस, अगले सेशन से होगा लागू

GORAKHPUR: यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक इंटर कॉलेजेज में वैदिक गणित की पढ़ाई करा छात्रों में भारतीय संस्कार विकसित किए जाएंगे। इसके लिए बोर्ड की ओर से सिलेबस पर काम लगभग पूरा हो गया है और जल्द ही बाजार में इसकी किताबें भी आ जाएंगी। अगले सत्र से स्कूलों में इसे लागू कर दिया जाएगा। यह प्रस्ताव विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को भेजा गया था जिस पर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है।

बता दें, यूपी बोर्ड अंतर्गत आने वाले माध्यमिक इंटर कॉलेजेज में वैदिक गणित पढ़ाए जाने के लिए विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। संस्थान का कहना है कि इस वक्त की शिक्षा राष्ट्र केंद्रित नहीं है, इसमें पश्चिमी सभ्यता की छाप है। इसको दूर करने और अपनी शिक्षा को देश केंद्रित बनाने के लिए बोर्ड को 32 बिंदुओं का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें वैदिक गणित को बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया है। इसके अलावा इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने और कई योद्धाओं जिनकी गाथाएं नहीं हैं, उन्हें शामिल करने का भी प्रस्ताव है। अब अगले सत्र में जितने बदलाव हो जाएंगे उसके बाद संस्थान फिर से अन्य बदलावों को लागू करने के लिए प्रयास करेगा।

कोट्स

वैदिक गणित में संस्कृत के सूत्रों से गणित के सूत्रों को पढ़ाया जाता है। इससे कैलकुलेशन काफी आसान हो जाता है। बारह साल पहले भी इसे शुरू किया गया था, लेकिन एक दो साल में ही इसे बंद कर दिया गया। हालांकि, अब तक इसका कोई सिलेबस और किताबें नहीं आईं हैं।

- सुधीर पांडेय, गणित शिक्षक

मॉडर्न सिलेबस में निश्चित तौर पर पश्चिमी सभ्यता की छाप बढ़ती जा रही है। जिसे दूर किया जाना चाहिए। वैदिक गणित पहले पढ़ाई जाती थी, तब भारतीय सभ्यता की छाप भी नजर आती थी, लेकिन जब से वैदिक गणित बंद हुआ उसके बाद से पश्चिमी सभ्यता की छाप भी बढ़ती हुई नजर आ रही है। इसलिए बच्चों में भारतीय सभ्यता की भी जानकारी के लिए वैदिक गणित की बेहद जरूरत है।

- पंकज दुबे, गणित शिक्षक

वर्जन

वैदिक गणित की पढ़ाई के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। अगले सत्र से बच्चों को पढ़ाए जाने का सिलसिला प्रारंभ होगा।

- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस