सनसनीखेज खुलासा: नामी मॉल, अस्पताल, होटल पर विजिलेंस केस, चल सकता है निगम का हथौड़ा

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PATNA: पाटलिपुत्रा में चल रहे हल्दीराम और रिलायंस ट्रेंड को नगर निगम ने अनिश्चितकालीन काल के लिए बंद करवा दिया है। कारण, दोनों आउटलेट जिस बिल्डिंग में चल रहे थे, उसने निगम से नक्शा पास नहीं करवाया था। शहर में यह इकलौती बिल्डिंग नहीं है जिसकी नींव में नियम दफन है। ऐसी 552 नामी बिल्डिंग है, जहां नियमों के साथ छेड़छाड़ हुई है। इनमें अस्पताल, मॉल, होटल, अपार्टमेंट शामिल है। निगम ने इन सभी बिल्डिंग के मालिकों पर विजिलेंस केस कर दिया है और नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। अगर जवाब से निगम संतुष्ट नहीं हुआ और जांच में टूटे हुए नियम पाए गए तो इन बिल्डिंगों पर निगम का हथौड़ा चल सकता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास इन सभी बिल्डिंगों के नाम है। आज से हम ऐसे लोगों को बेनकाब करेंगे जो नियमों को दफनाकर आपसे कमाने में जुटे हुए है।

हर दिन होंगे एक्सपोज|
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपको आज से हर दिन ऐसी 3 बिल्डिंग को एक्सपोज करेगा जिन पर विजिलेंस केस हुआ है। उन्होंने किस तरह नियम को तोड़ा और अब उनका क्या कहना है, यह भी बताया जाएगा।

पीएंडएम मॉल ने भी तोड़े नियम|
विजिलेंस केस होने वाली 552 बिल्डिंग में शहर का सबसे बड़ा मॉल भी शािमल है। प्रकाश झा के पीएनएम मॉल में भी नक्शे के साथ छेड़छाड़ की गई है। पीएंडएम मॉल में 5 फ्लोर है। हर फ्लोर पर दर्जनों दुकानें चल रही है। इस मॉल में दुकानें, रेस्टोरेंट, सिनेमाघर और गेम जोन के हिसाब से जितनी पार्किंग होनी चाहिए, उसकी आधी भी नहीं है। निगम की मानें तो नक्शे में छेड़छाड़ किया गया है। नक्शे में दर्शाया गया ग्रीन लैंड एरिया भी निर्माण के नीचे दबा दिया गया है। कॉम्पलेक्स के पिछले हिस्से में दो पहिया वाहन पार्किंग बनाई गई है। जिसे मुफ्त होना चाहिए। लेकिन, मॉल का मैनेजमेंट उस पर पार्किग शुल्क वसूलने में लगा हुआ है। जब नगर निगम के इंजीनियरों ने मॉल के मालिक से नक्शा तलब किया तो नक्शा दिखाने से इंकार कर दिया गया। इन बिंदुओं को आधार पर बनाकर पीएंडएम मॉल पर विजिलेंस केस दर्ज हुआ है। अगर समय सीमा में जवाब नहीं मिला और जांच में नक्शे के साथ छेड़छाड़ साबित हुआ तो हल्दीराम की तरह इस मॉल पर भी ताला लटक सकता है।

तीन तरह से हुआ है खेल
नगर निगम का दावा है कि शहर की बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में नियमों के साथ खेल किया गया है। तीन तरह से खेल पकड़ में आए है। इसी आधार पर 552 बिल्डिंग पर विजिलेंस केस किया गया है।

1.अधिकांश में पार्किग का खेल
|अधिकांश बिल्डिंग में पार्किग का खेल किया गया है। यानी नक्शा पास करवाते समय पार्किग के लिए जो स्पेस बताया गया, निर्माण के बाद वह धरातल पर रहा ही नहीं। पार्किग की जगह पर भी निर्माण कार्य करवा दिया गया। पीएंडएम मॉल से लेकर मौर्या होटल तक में इस तरह की गड़बड़ी की गई है।

2.नक्शे के साथ हुई है छेड़छाड़
कुछ बिल्डिंग में नक्शे के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर विजिलेंस केस किया गया है। यानी नक्शे में जिस तरह से निर्माण कार्य होना बताया गया, वैसा किया नहीं गया। उदाहरण के तौर पर किसी बिल्डिंग में 4 मंजिल का नक्शा पास हुआ और निर्माण 6 मंजिला का करवा दिया गया।

3.नक्शा पास ही नहीं करवा गया
कुछ ऐसी बिल्डिंग भी पकड़ में आई है, जिन्होंने आज तक नक्शा ही पास नहीं करवाया है। बिना नक्शा पास किए ही बिल्डिंग का निर्माण करवा लिया और आज खुलेआम उस पर बिजनेस कर रहे हैं। पटना नगर निगम के अकिधकारियों ने बताया है कि ऐसी बिल्डिंग का टूटना लगभग तय है।

इस संबंध में रिपोर्टर ने पीएंडएम मॉल के चीफ सेक्रेटरी ऑफिसर आशा राम सिंह के बीच की तो, देखिए उन्होंने कैसे जवाब दिए।

रिपोर्टर- क्या पीएंडमॉल पर नगर निगम ने विजिलेंस केस दर्ज किया है?

आशा राम-हमें मालूम नहीं है।

रिपोर्टर- आरोप है कि मॉल में उचित पार्किंग व्यवस्था नहीं है?

आशा राम- हमारी सारी गाडि़यां परिसर में पार्किंग कराई जा रही हैं।

रिपोर्टर- सड़क पर जो गाडि़यां पार्किंग की जा रही हैं उनपर आपका क्या कहना है?

आशा राम- यह हिसाब लेने के लिए नगर निगम ने क्या आपको अधिकृत किया है?