- ढेबरा-हाटा मार्ग की मरम्मत के नाम पर की गई खानापूर्ति

URUVA BAZAR: उरुवा ब्लॉक क्षेत्र के करीब सौ गांवों के लोग आवागमन की समस्या झेल रहे हैं। यहां ढेबरा-हाटा मार्ग पूरी तरह गढ्डे में तब्दील है। बरसात के मौसम में तो इन गढ्डों में पानी भर जाने से लोगों की मुसीबत और बढ़ जाती है। वहीं शिकायत करने पर कार्यदायी संस्था मरम्मत के नाम थोड़ी बहुत पैचिंग कर महज खानापूर्ति पूरी कर देती है। अभी फिर से मानसून से दस्तक दे दिया है लेकिन सड़क की हालत नहीं सुधरी।

दो विभागों के बीच लटका मामला

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2009 में करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से इस सड़क का निर्माण हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि उसी समय कार्यदायी संस्था ने मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाईं। इसी का नतीजा है कि महज आठ साल में ही सड़क का ये हाल हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने के कुछ ही दिन बाद जगह-जगह गिट्टियां उखड़ने लगीं। शिकायत करने पर भी मरम्मत नहीं की गई। इसी बीच वर्ष 2014 में यह सड़क पीडब्लूडी को हैंड ओवर कर दी गई। इसके बाद भी सड़क की स्थिति जस की तस बनी रही। वहीं, राजनीतिक दलों ने भी इसके निर्माण को हर बार चुनावी मुद्दा बनाया लेकिन किसी ने प्रयास नहीं किया।

आंदोलन की तैयारी

ढेबरा-हाटा मार्ग की मरम्मत की मांग को लेकर आश्वासनों से थक चुकी क्षेत्रीय जनता ने अब आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व ब्लॉक प्रतिनिधि जुगनू दुबे ने कहा कि कार्यदायी संस्था और ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा जनता भुगत रही है। वहीं, पूर्वाचल विकास मंच के तहसील अध्यक्ष जवाहर लाल जायसवाल ने कहा कि मरम्मत के नाम पर ठेकेदार की ओर से हुई अनियमितता की जांच कराई जानी चाहिए। इसके अलावा शुभ राजी देवी डिग्री कॉलेज के प्रबंधक भगवान प्रसाद तिवारी का कहना है कि अगर मरम्मत नहीं कराई गई तो जनता धरना प्रदर्शन को बाध्य होगी।

वर्जन

यह मार्ग अब पीडब्लूडी को हैंड ओवर कर दिया गया है। इस संबंध में वे ही बता सकते हैं।

एसएन मौर्या, सहायक अभियंता, पीएमजीएसवाई