नागपुर (पीटीआई)। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मैच मंगलवार को नागपुर के जामथा स्टेडियम में खेला गया। भारत ने ये मैच आठ विकेट से अपने नाम किया। भारत की इस जीत के हीरो वैसे तो विराट कोहली रहे जिन्होंने शानदार शतकीय पारी खेली। मगर अंतिम पड़ाव पर जब मैच फंस गया तब तीन भारतीय कप्तानों ने मिलकर ऐसी चाल चली कि कंगारु उससे बाहर नहीं निकल पाए।
फंस गया था मैच
भारत द्वारा दिए गए 251 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में जीत के लिए 11 रन चाहिए थे। उस वक्त भारतीय टीम के सभी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के ओवर पूरे हो चुके थे, ऐसे में कप्तान विराट कोहली को गेंद विजय शंकर को देनी पड़ी। आखिरी ओवर फेंकने से पहले शंकर ने पूरी इनिंग में सिर्फ एक ओवर फेका था जिसमें वह 13 रन पिटवा चुके थे। ऐसे में शंकर को आखिरी ओवर फिंकवाना किसी रिस्क से कम नहीं था। हालांकि शंकर ने कप्तान कोहली की उम्मीदों पर पानी नहीं फेरा और आखिरी ओवर में दो विकेट लेकर पूरी कंगारु टीम को 50 ओवर से पहले ही समेट दिया।
इसलिए शंकर ने फेंका आखिरी ओवर
मैच के बाद कप्तान कोहली से जब यह पूछा गया कि उन्होंने आखिरी ओवर शंकर को क्यों दिया? इसके जवाब में उन्होंने तिकड़ी कप्तानी का राज उजागर किया। कोहली ने कहा, 'मैं शंकर को 46वें ओवर में गेंद देना चाहता था। फिर मैंने रोहित और धोनी से बात की, उन्होंने सलाह दी अभी शमी और बुमराह से ही ओवर करवाते हैं अगर उन्होंने विकेट ले लिए तो मैच हमारी मुठ्ठी में होगा, और अंत में ऐसा ही हुआ। अब आखिरी ओवर शंकर फेंकने आए जिन्होंने शानदार गेंदबाजी की।' विराट ने आगे यह भी कहा, 'रोहित हमारी टीम के उप-कप्तान हैं जबकि धोनी ने लंबे समय तक कप्तानी की है। ऐसे में उनसे सलाह लेना बेहतर रहता है।'
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