नाले के पास मिले ढेरों खंडित शिवलिंग, गरमाया बनारस

-लंका एरिया के रोहित नगर कालोनी के पास का मामला, सूचना मिलते ही मचा हड़कम्प

-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत कांग्रेस और आप नेताओं ने शिवलिंगों को विश्वनाथ कॉरिडोर का बताकर जताया गुस्सा

-प्रशासन ने आरोप से किया इनकार, शिवलिंगों को बताया चुनार पत्थरों से निर्मित

VARANASI:

शहर के माहौल में मंगलवार को उस वक्त गर्माहट आ गयी जब लंका थाना एरिया के रोहित नगर कालोनी में नाला के किनारे फेंके पड़े सौ से अधिक खंडित शिवलिंग पर लोगों की नजर पड़ी। कुछ ही पल में यह बात जंगल की आग की तरह फैल गयी। सैकड़ों लोग जमा हो गए और तरह-तरह की बात शुरू हो गयी। जानकारी होने पर श्रीविद्या मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद साधु-संतों संग पहुंच गए और शिवलिंगों को विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए तोड़े जा रहे मंदिरों का बताकर विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी उनके समर्थन में आ गए और खंडित मिले शिवलिगों पर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति गोहिल व पूर्व विधायक अजय राय सहित आप नेता संजीव सिंह आदि ने जिला प्रशासन को आडे़ हाथों लिया। अजय राय ने लंका थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

मच गया हड़कम्प

बाबा विश्वनाथ की नगरी में नाले के किनारे शिवलिंग फेंके होने की जानकारी जिसे हुई वो आगबबूला हो गया। सबका कहना था कि यह बाबा का अपमान है। मौके पर जमा भीड़ के साथ बढ़ते तनाव की जानकारी होते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे। एसपी सिटी दिनेश सिंह सहित एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। सभी शिवलिंग को उठाकर लंका थाना लाया गया। अधिकारियों ने इस बाबत विश्वनाथ कॉरिडोर से जुड़े अधिकारियों से बातचीत की। विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने सीधे नकार दिया कि शिवलिंग विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए तोड़े गए मंदिरों के हैं। उनका कहना था कि कॉरिडोर से निकलने वाला सारा मलबा हाईवे किनारे रामनगर एरिया में डंप कराया जा रहा है।

चुनार निर्मित पत्थर के शिवलिंग

तस्दीक के लिए नगर निगम के तहसीलदार अविनाश कुमार लंका थाना पहुंचे। शिवलिंगों का गहनता से निरीक्षण करने के बाद बताया कि शिवलिंग विश्वनाथ कॉरिडोर के नहीं हैं। ये सभी चुनार पत्थर के निर्मित हैं। विश्वनाथ कॉरिडोर में कोई भी शिवलिंग चुनार पत्थर का निर्मित नहीं है। इसके अलावा यहां मलबे में जो ईंट मिली हैं वो ज्यादातर नई हैं। विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए टूट रहे मकानों आदि के मलबे में लखौरिया ईट निकल रही हैं।

राममंदिर बनाने का दावा करने वाली सरकार के शासनकाल में क्रूरता के साथ मंदिरों व देवविग्रहों को तोड़ा गया। यह तो सत्य हो गया कि मंदिरों को तोड़ा जा रहा है तभी 126 देवविग्रह रोहित नगर कालोनी के पास से मिले।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

अस्सी नाले के पास फेंके मिले ढेरों शिवलिंग मामले को सदन में उठाऊंगा। जिला प्रशासन की लापरवाहियों ने आस्था पर चोट किया है।

दीपक सिंह, एमएलसी कांगे्रस

रोहित नगर में मिले खंडित शिवलिंग मामले की जांच करायी जा रही है। यह भी पता कराया जा रहा है कि इतने शिवलिंग यहां कैसे पहुंचे?

दिनेश सिंह, एसपी सिटी