-फरीदपुर में गन्ने के खेत से मिला था पक्षीराज

-विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं गिद्ध

बरेली : देश में गिद्ध विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। खासकर उत्तरी भारत में तो गिद्ध यदा-कदा ही नजर आते हैं। जिले में फरीदपुर कस्बा के अशोकपुर गांव में बीते सैटरडे को एक गिद्ध उस वक्त एक गन्ने के खेत में मिला, जब किसान फसल काट रहा था। मामले की जानकारी वन विभाग को हुई। मौके पर पहुंची टीम गिद्ध पकड़कर साथ ले गई। चूंकि, गिद्ध उड़ नहीं पा रहा था, ऐसे में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) ले जाया गया। यहां गिद्ध में किसी तरह की बीमार नहीं मिली तो वन विभाग के अधिकारियों ने उसे पीएसी पड़ाव के जंगल ले जाकर छोड़ दिया। सोमवार को मामले की जानकारी हुई तो गिद्ध के बाबत अधिकारियों का कहना था कि जंगल में छोड़ने के बाद शायद वह उड़ गया होगा।

सर्वे में मंडल स्तर पर नहीं मिला था एक भी गिद्ध

हाल में वन विभाग के ही एक सर्वे में मंडल स्तर पर एक भी गिद्ध नहीं मिला था। इस तरह के पक्षियों और जंगली जानवरों से जुड़े जानकार बताते हैं कि गिद्ध जैसे विलुप्तप्राय पक्षी इस समय मिलना बड़ी बात है, खासकर उत्तर प्रदेश में इसका दिखना। यदि इस इलाके में गिद्ध फिर से बढ़ रहे हैं तो यह अच्छी बात है।

क्यों नहीं हुआ संरक्षण या गिद्ध की पैमाइश

सर्वे के अनुसार प्रदेश में गिद्ध की संख्या मिलनी मुश्किल है। ऐसे में गिद्ध को संरक्षित किया जाना चाहिए था। गिद्ध को आईवीआरआई या फिर पिंजौर स्थित गिद्ध प्रजनन केंद्र भिजवाया जाना चाहिए था। जिससे यह मालूम चलता कि आखिर गिद्ध की उप प्रजाति क्या थी। खैर वन विभाग ने तो गिद्ध की पैमाइश और वजन करना भी जरूरी नहीं समझा और यूं ही जंगल में छोड़ दिया।

पिंजौर से पता चलेगा किस प्रजाति का गिद्ध

वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने गिद्ध को बरामद करने के बाद इसके फोटोग्राफ लिए थे। इसे पिंजौर स्थित गिद्ध प्रजनन केंद्र के वैज्ञानिकों को दिखाया जाएगा, जिससे पता चल सकेगा कि गिद्ध देश में पाई जाने वाली किस प्रजाति का है। यह अति विलुप्त प्राय है या कोई और। क्योंकि गिद्ध उड़ने की जगह से स्लाइड करते हुए ज्यादा सफर तय करता है ऐसे में माना जा रहा है कि यह हिमालयी गिद्ध है। हालांकि इस पर मोहर पिंजौर स्थित गिद्ध प्रजनन केंद्र ही लगाएगा।