- एमआरआई मशीन सही करने को लेकर 7 महीने में भी नहीं बनी बात, मरीजों की बढ़ी परेशानी
KANPUR: एलएलआर हॉस्पिटल के बाद शहर के दूसरे सबसे बड़े उर्सला अस्पताल की हालत खराब है। क्योंकि कारपोरेट तरीके से हॉस्पिटल चलाने के दावे के बाद भी यहां लगी शहर की सबसे अच्छी एमआरआई मशीन सही नहीं हो सकी। मशीन खराब हुए 7 महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है। अगर इसे सही नहीं किया गया तो इसके कबाड़ होने की भी आशंका है। फिर भी इसे ठीक नहीं कराया जा रहा। सिर्फ शासन को पत्र लिखे जा रहे हैं।
जांचों पर कोई सुनवाई नहीं
उर्सला अस्पताल के रीजनल डायग्नोस्टिक सेंटर में लगी शहर की एकमात्र 3 टेस्ला की एमआरआई मशीन 7 महीने से खराब है। जिस कंपनी को इसे सही करना था पेमेंट नहीं मिलने से उसने हाथ खड़े कर दिए हैं। मशीन सही करने में 35 लाख की लागत आनी है। अस्पताल की तरफ से महीनों से शासन को पत्र लिखे जा रहे हैं,लेकिन आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई। यही हाल सीटी स्कैन मशीन का है जिसे महीनों की मशक्कत के बाद सही तो करा लिया गया,लेकिन यह अपनी उम्र पूरी कर चुकी है।
उर्सला अस्पताल फैक्ट फाइल-
- 3000 से ज्यादा मरीजों की रोजाना होती है यहां ओपीडी
- 250 से 300 मरीजों की ओपीडी ऑर्थाेपेडिक डिपार्टमेंट में
- 15 करोड़ से लगी लगी एमआरआई मशीन 7 महीने से खराब
- 2500 रुपए रुपए में एमआरआई की सुविधा मिलती है यहां
- 10 से 15 मरीजों की रोज होती थी थी एमआरआई जांच
वर्जन-
डिजिटल एक्सरे और सीटी स्कैन मशीन को सही करा लिया गया है। एमआरआई मशीन को सही कराने में खर्च ज्यादा है। जिसके लिए लगातार शासन से बात चल रही है। फंड मिलते ही इसे सही करा लिया जाएगा।
- डॉ.उमाकांत, डायरेक्टर, उर्सला हॉस्पिटल