कानपुर। इंजीनियरिंग एग्जाम्स की प्रिपरेशन कर रहे कैंडीडेट्स सिर्फ आईआईटी-जेईई को प्रिफरेंस देते हैं, जबकि इसके अलावा भी कई एंट्रेंस एग्जाम्स हैं, जिनमें कैंडीडेट्स को जरूर अपियर होना चाहिए. तो जानते हैं इनके बारे में...
आईआईटी-जेईई
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी से पढ़ाई करने में इंटरेस्टेड कैंडीडेट्स को यह एग्जाम क्वॉलिफाई करना जरूरी है। यह एग्जाम दो फेजेज में होता है- मेन्स और एडवांस. जेईई मेन्स में क्वॉलिफाई करने वाले कैंडीडेट्स ही एडवांस में अपियर हो सकते हैं। इसके अलावा मेन्स क्वॉलिफाइड स्टूडेंट्स एनआईटी और आईआईएससी जैसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट्स से बीटेक कर सकते हैं।
वीआईटीईईई
वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीईईई) इसी इंस्टीट्यूट में कैंडीडेट्स को एडमिशन देने के लिए कंडक्ट कराया जाता है। यूनिवर्सिटी लेवल का यह ऑनलाइन एग्जाम साल में एक बार कंडक्ट कराया जाता है। इस एग्जाम में आने वाली रैंक के हिसाब से ही कैंडीडेट्स को अपनी ब्रांच चुनने का मौका मिलता है। वीआईटी देश के टॉप रैंक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजेस में से एक है। इंटरेस्टेड कैंडीडेट्स इसमें अप्लाई करने के लिए फॉर्म भर सकते हैं।
यूपीएसईईई
उत्तर प्रदेश के डिग्री लेवल के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशन्स या दूसरे प्रोफेशनल कॉलेजेस में एडमिशन की जिम्मेदारी डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी को दी गई है। यह यूनिवर्सिटी हर साल स्टेट एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराती है, जिसे क्वॉलिफाई करने वाले कैंडीडेट्स को स्टेट गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजेस में एडमिशन दिया जाता है।
बिटसैट
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी बिटसैट को इंजीनियरिंग एस्पिरेंट्स आईआईटी के बाद सबसे ज्यादा प्रिफरेंस देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बीआईटी का करिकुलम इंटरनेशनल स्टैंडड्र्स को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।
एसआरएम जेईईई
एसआरएम यूनिवर्सिटी भी इंजीनियरिंग प्रोग्राम में एडमिशन देने के लिए ज्वॉइंट इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराती है। इस यूनिवर्सिटी की ब्रांचेज कई शहरों में मौजूद है। कैंडीडेट्स इस एग्जाम में भी अपियर हो सकते हैं।
ये हैं ऐसे सेक्टर्स जिनमें ब्राइट होगा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का फ्यूचर
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