-एक मरीज को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा

-बलरामपुर अस्पताल में सामने आया मामला

LUCKNOW: बलरामपुर अस्पताल में गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने से 10 मरीजों की हालत बिगड़ गई। एक मरीज को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन ने वार्ड में लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी। आरोप है कि जिस वार्ड ब्वॉय ने इंजेक्शन लगाया, उसे दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया।

कई मरीजों की बिगड़ी हालत

बलरामपुर अस्पताल के वार्ड 2 में दुबग्गा निवासी मोहम्मद आलम, खयालीगंज के इरफान, बहराइच निवासी भगवती सिंह, फतेहपुर के मो। फकीर, गोसाईंगंज के पवन सिंह, हसनगंज के धर्मराज, बाराबंकी के विकास, लखीमपुर के सुरेश कुमार, हरदोई के राजेश, उन्नाव के शकूर व अन्य मरीज भर्ती थे। तीमारदारों के अनुसार वार्ड में सुबह साढ़े 6 बजे एक वार्ड ब्वाय आया। इस दौरान ज्यादातर मरीज सो रहे थे। उसनेसभी के वीगो में इंजेक्शन लगाना शुरू कर दिया। उसके जाते ही मरीजों की हालत बिगड़ गई।

मरीज लेकर भागे

मरीजों को दिक्कत होने पर तीमारदार उन्हें इमरजेंसी लेकर भागे। जानकारी मिलने पर निदेशक सहित डॉक्टर्स की टीम वार्ड दो व इमरजेंसी में पहुंची। तीमारदारों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने वार्ड में गार्ड लगाकर दरवाजे बंद कर दिए। इस पर तीमारदारों ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने पहुंचकर किसी तरह मामला शांत कराया।

फीवर बढ़ने से मरीज परेशान

तीमारदार इरफान ने आरोप लगाया कि दबाव डालकर मरीज को डिस्चार्ज कराया गया। वहीं कई ने आरोप लगाया कि मरीजों का फीवर कम न होने पर उनके सिर और सीने पर बर्फ रखने को कहा गया और कई इंजेक्शन भी लगाए गए। निदेशक डॉ। राजीव लोचन ने बताया कि मरीजों का शरीर गर्म हो रहा था इसलिए बर्फ रखकर इलाज किया जा रहा था।

कोट

मरीजों को रोज की तरह एंटीबॉयोटिक व इलाज से जुड़े इंजेक्शन लगाए गए। इंजेक्शन गलत लगाने या लापरवाही जैसी बात गलत है। एक मरीज को दिक्कत हुई। उसे इलाज दिया जा रहा है।

डॉ। राजीव लोचन, डायरेक्टर बलरामपुर अस्पताल