-कूड़ा कलेक्शन न होने से बढ़ा टेंशन
-बंद हुआ कूड़े का उठान,
गंदगी से पब्लिक परेशान
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-तीन महीने से नगर निगम ने नहीं किया भुगतान तो कार्यदायी एजेंसी ईको पाल ने रोका काम
-शहर के 25 वार्डो में डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन ठप होने से जगह-जगह जमा हुआ कूड़े का ढेर
VARANASI
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का नगर निगम का है दावा। इसके लिए स्वच्छता एप से लेकर तमाम दूसरी तरह की कवायदें की जा रही हैं। पर हकीकत इससे ठीक उलट। शहर में जगह-जगह जमा है कूड़े का अंबार। शहर में नगर निगम ने कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी है प्राइवेट एजेंसियों को। पर पैसा न मिलने के चलते एजेंसियां नहीं उठा रही हैं कूड़ा। नतीजा मोहल्लों में कूड़े का ढेर लगा है। शहर के 25 वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कार्यदायी एजेंसी ईको पाल ने काम रोक दिया है। इसके चलते एजेंसी के सफाईकर्मी काम छोड़कर चले गए हैं और व्यवस्था बदहाल हो गई है।
तीन महीने से नहीं मिला पैसा
नगर निगम ने तीन महीने से ईको पाल एजेंसी का भुगतान रोक रखा है। अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी की कार्यप्रणाली मानक के अनुरूप नहीं है। वह ठीक तरीके से काम नहीं कर रही थी। इसके चलते उसका भुगतान रोका गया है। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर इन 25 वार्डो में नगर निगम के आउटसोर्सिग सफाईकर्मी लगाए हैं, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में कूड़े के ढेर से मोहल्ले बजबजा रहे हैं।
75 फीसदी वार्ड्स एजेंसियों को
नगर निगम ने शहर की सफाई और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए तीन एजेंसियों को जिम्मेदारी दे रखी है। ईको पॉल 25 और कियाना एजेंसी 30 वार्डो में सिर्फ डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व कूड़े का उठान कराती हैं। लेकिन इन वार्डो में झाड़ू लगाने का काम नगर निगम के सफाईकर्मियों के जिम्मे है। जबकि 14 वार्डो में फुल पूरी सफाई व्यवस्था और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन दोनों ही काम आईएलएफएस एजेंसी कराती है। एजेंसियों के सफाईकर्मी सीटी बजाकर कूड़ा इकट्ठा करते हैं। फिर उसे बड़े वाहनों से करसड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण केन्द्र भेजा जाता है।
सफाईकमीर् बेफिक्र
भुगतान रुकने के बाद ईको पाल एजेंसी ने अगस्त तक काम किया, लेकिन इधर बीच करीब एक हफ्ते से कूड़ा कलेक्शन का काम बंद कर दिया है। ऐसे में लोगों ने घर के बाहर या सड़क किनारे कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया है। निगम के सफाईकर्मियों की मनमानी से समय से कूड़ा नहीं उठ रहा है। इससे तमाम मोहल्लों में कूड़े का ढेर लगा हुआ है। आदमपुर जोन के कई घनी आबादी वाले मोहल्लों में तो कूड़े की दुर्गन्ध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
हेल्पलाइन पर कोई सुनवाई नहीं
ईको पाल एजेंसी शहर के आदमपुर, वरुणापार और दशाश्वमेध जोन के मोहल्लों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम कराती है। कैंट स्टेशन के सामने भी सफाई व्यवस्था का काम इसी के जिम्मे है। दरअसल, ईको पाल एजेंसी ने जब से काम रोका है। तभी से नगर निगम की हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इन मोहल्लों में ज्यादा दिक्कत
- काजी सादुल्लाहपुरा
- कज्जाकपुरा
- आदमपुर
- गोलगड्डा
- शिवपुर
- पांडेयपुर
- तरना
- नई बस्ती
- हुकुलगंज
- खजुरी
- सिकरौल
- अर्दली बाजार
- डिठोरी महाल
- भोजूबीर
- इंग्लिशिया लाइन
- चेतगंज
- सराय गोवर्धन
- नाटी इमली
- बड़ी बाजार
- चौकाघाट
- संजय नगर
- नरिया
- कॉटन मिल
- बड़ी बाजार
यहां व्यवस्थ्ा है ठप
-16 वार्ड्स आदमपुर जोन के
-07 वार्ड्स वरुणापार जोन के
-02 वार्ड्स दशाश्वमेध जाेन के
एक नजर
50
हजार रुपये ईको पाल एजेंसी को प्रति वार्ड मिलता है हर महीने
03
महीने से नहीं किया गया है भुगतान
37.50
लाख रुपये निगम पर बकाया है एजेंसी का
50
रुपये प्रति घर यूजर चार्ज लेती है एजेंसी
100 से 150
रुपये कामर्शियल भवनों से लिया जाता है चार्ज
ईको पाल का कार्य खराब रहने से उसका भुगतान रोका गया है। सम्बंधित वार्डो में नगर निगम के आउटसोर्सिग सफाईकर्मियों को लगाया गया है। इन एरिया में सफाई व्यवस्था को सुचारु रखने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ। एके दूबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी