अच्छे दोस्त थे दोनों
पुलिस गिरफ्त में आए राकेश ने बताया कि जिस लकड़ी की टाल पर सोहनलाल काम करता था। उसी टाल पर वह भी पहले काम कर चुका था। वह सोहन को दस साल से जानता था। वे दोनों अच्छे दोस्त भी थे। 31 जनवरी को भी दोनों टाल पर बैठकर साथ में खाना खा रहे थे। दोनों ने नशा भी कर रखा था। इसी दौरान मीट में बोटी कम होने को लेकर झगड़ा हो गया। गुस्से में आकर उसने टाल से लकड़ी उठाकर सोहन के सिर में मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। उसके बाद उसने डेडबॉडी टाल के अंदर डाल दी और मौके से भाग गया।