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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: स्टील सिटी में वाटर हारवेस्टिंग टैंक से ही ग्राउंड वाटर लेबल पर सुधार होगा। यह मानना है शहर के जल प्रहरियों का। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट शहर में वाटर माफियाओं के चलते शहर में पानी की बर्बादी रोकने के लिए अभियान चला रहा है। रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के जल प्रहरियों से बात की, जिन्होंने वाटर हारवेस्टिंग को ही जल स्तर बढाने का करगर तरीका मानकर जल स्तर बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।

शिवपूजन ने बनाई है जल सेना

मानगो पोस्ट आफिस रोड निवासी शिवपूजन सिंह पिछले 10 साल से पानी को बचाने की मुहिम में काम कर रहे हैं। 2006 में गांधी घाट स्थित जुस्को पार्क में जल सेना का निर्माण किया है। जिसमें सीनियर सिटीजन के साथ ही मध्यम और नवयुवकों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। शिवपूजन सिंह ने बताया कि टाटा स्टील में नौकरी के दौरान ही जल के संरक्षण मुहिम में जुड़कर लोगों को जागरूक करते रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद पर्यावरण दिवस पर जल सेना बनाकर लोगों को जागरूक करने का जो बीड़ा उठाया उसे पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांधी घाट में पहले साफ पानी से सिंचाई होती थी, लेकिन जल सेना के प्रयास से नदी के कच्चे पानी से सिंचाई शुरू की गई। उन्होंने बताया कि बैंगलुरु की तरह शहर में पीने के पानी के लिए अलग लाइन बिछाने का प्रस्ताव दिया गया है। शहर में पक्की सड़कों के स्थान पर पेवर्स ब्लॉक के प्रयोग पर बल दिया जा रहा है।

वाटर हारवेस्टिंग को बांट रहे ड्रम

परसुडीह निवासी पूर्व जिला परिषद जल संरक्षण के लिए एक अनोखी मुहिम चला रहे हैं। वर्ष 2000 में जिला परिषद बनने के बाद से ही उन्होंने जल संरक्षण पर काम करना शुरू कर दिया था। वे कहते हैं कि पहले लोग वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व को नहीं समझते थे, लेकिन देश में पानी की समस्या के साथ ही शहर में पानी के लिए मचे त्राहिमाम से बचने के लिए टैंक का निर्माण करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए ड्रम और पाइप फ्री में दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 100 से अधिक घरों में ड्रम से वाटर टैंक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए हो सकता है। परसुडीह क्षेत्र में लगे मैक्सिमम चापाकलों ने दो सालों में ही पानी देना बंद कर दिया है। क्षेत्र में जल सेना बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जल संरक्षण का उठाया बीड़ा

पारडीह स्थित माधवबाग में रहने वाली रेणु देवी ने जल संरक्षण को अपने जीवन का आधार बनाया। वह लेागों के घर में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक स्थापित करवाकर जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण की शुरुआत बाड़मेड राजस्थान से हुई। हम लोग पत्रिकाओं में इसके बारे में पढ़ते थे, जिससे जल संरक्षण का आइडिया आया, उन्होंने बताया कि पक्के घरों में ड्रम और कच्चे घरों में टैंक बनाकर पानी का सरंक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पानी के संरक्षण के लिए घरों से कुओं तलाबों और खराब बोरिंग से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि घुले पानी का उपयोग पेड़ों में डालने में किया जाना चाहिये।