छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: रात भर बिजली गुल रहने के के कारण मंगलवार को मानगो में जलापूर्ति बुरी तरह प्रभावित रही. ऐसा इसलिए, क्योंकि बिजली नहीं होने के कारण मानगो वाटर प्लांट की टंकियां नहीं भर पाई थी. इससे लोग बूंद-बूंद पानी के लिए दिन भर तरसते रहे. गौरतलब हो कि मानगो में डेढ़ लाख से अधिक की आबादी मानगो जलापूर्ति योजना से मिलने वाले पानी पर निर्भर है.

मानगो में सात बजे पानी आता है. लोगों का इंतजार था कि मंगलवार को भी पानी आएगा, लेकिन नौ बजे तक नल सूखा रहा तो लोग समझ गए कि आज परेशानी होगी. लोगों ने जुगाड़ शुरू कर दिया. दूर-दराज के इलाकों से काम चलाने लायक पानी जुटाया. मानगो ब्रिज के पास लगे जुस्को के नल पर लोगों की भीड़ जुटी रही. दोपहर बाद तकरीबन दो बजे जलापूर्ति की जा सकी.

डिमना बस्ती में नहीं आता पानी

मानगो की डिमना बस्ती में तकरीबन दो साल से पानी नहीं आ रहा है. बस्ती ऊंची जगह पर है इस वजह से यहां के तकरीबन 300 घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है.

90 रुपये प्रति गैलन बिका पानी

मानगो में जलापूर्ति नहीं होने की वजह से पानी बेचने वालों की चांदी रही. लोगों ने 90 रुपये प्रति गैलन तक की कीमत में पानी बेचा. अमूमन मानगो में 50 रुपये प्रति गैलन पानी बिकता है. यही नहीं, जार का पानी भी खूब बिका.

रात में पर्याप्त बिजली नहीं मिलने की वजह से सुबह जलापूर्ति नहीं हो सकी. बाद में जैसे ही टंकियां भर गई वैसे ही जलापूर्ति की गई.

मंतोष मणि, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग