RANCHI: राजधानी में आरओ वाटर के कारोबार में पिछले 15 दिनों में 400 फीसदी का उछाल आया है। सिटी में 100 से ज्यादा छोटे वाटर प्लांट हैं, जहां पानी लेने के लिए सुबह से ही कतार लग रही है। आरओ वाटर प्लांट को लगातार चालू रखने के लिए 24 घंटे मोटर चलाया जा रहा है। राजधानी के कई इलाकों में वाटर प्लांट का व्यवसाय जोरो पर है। लगातार गर्मी की वजह से कई इलाकों में बोरिंग सूख गई हैं या वाटर लेबल नीचे जाने की वजह से परेशानी बढ़ गयी है और इसका सीधा भार लोकल स्तर पर लगाए गए वाटर प्लांट पर पड़ा है।

डेली दो लाख जार

राजधानी में हर दिन करीब 20-20 लीटर के दो लाख जार पानी का कारोबार हो रहा है, जो आज से 15 दिन पहले 60-70 हजार के करीब हुआ करता था। आलम यह है कि वाटर प्लांट के प्रोपराइटर रात में दो-दो बजे तक जागकर पानी का स्टॉक कर रहे हैं, ताकि सुबह लोगों को पानी की सप्लाई दी जा सके। हरमू के ईमली चौक स्थित वाटर प्लांट के प्रोपराइटर बताते हैं कि पानी की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उन्हें आपूर्ति करने के लिए तीन-तीन बोरिंग करानी पड़ी है। साथ ही अब वो 3000 लीटर की क्षमता वाला टैंकर लगाने की तैयारी कर रहे हैं। वो बताते हैं कि विद्यानगर, गंगानगर, आनंदनगर सहित कई क्षेत्रों में वाटर लेबल नीचे जाने की वजह से पानी की डिमांड बढ़ी है और उन्हें तीन शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है, ताकि ग्राहकों को समय पर पानी दिया जा सके।

बिजली की आंखमिचौली से परेशानी

वाटर प्लांट में बिजली कटने की वजह से पानी का स्टॉक नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। पानी के स्टॉक के लिए रात-रात भर जाग कर मोटर चलानी पड़ती है। बता दें कि राजधानी में 27 निजी कंपनियां और 100 से ज्यादा मिनी वाटर प्लांट हैं, जो पानी को कारोबार कर रहे हैं।