तैयारियों में कमियां देख कमिश्नर भड़के

तीन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश

ALLAHABAD: शुक्रवार को वॉटर लॉगिंग का रौद्र रूप देखने के बाद शनिवार अलसुबह ही कमिश्नर राजन शुक्ला अधिकारियों की टीम के साथ अल्लापुर व बाघम्बरी रोड क्षेत्र में पहुंच गए। उन्होंने कैलाशपुरी में भरे पानी को जल्द से जल्द निकलवाने और साफ-सफाई के साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराने का निर्देश दिया।

नहीं बता सके कारण

कमिश्नर ने पम्पिंग स्टेशनाें व एसटीपी का निरीक्षण किया। पम्पिंग स्टेशनों की क्षमता से कम संचालन व अव्यवस्था पर जल निगम के तीन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने का आदेश दिया। कमिश्नर अल्लापुर स्थित बख्शी बांध पम्पिंग स्टेशन पहुंचे। पम्पिंग स्टेशन में लगे पम्पों व जलनिकासी की जानकारी अधीक्षण अभियंता जल निगम एसपी मलिक व अधिशासी अभियंता आरडी यादव से ली। वे पम्पिंग स्टेशन को पूरी कार्य क्षमता से नहीं चलाये जाने का कारण नहीं बता पाये। 10 क्यूसेक का एक पम्प खराब पडे़ रहने पर दोनों अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया। अवर अभियन्ता जलकल दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस पम्पिंग स्टेशन की क्षमता 160 क्यूसेक है। 120 क्यूसेक की पम्पिंग की जा रही है। 10 क्यूसेक के 9 पम्प तथा 30 क्यूसेक के 3 पम्प लगे हुये हैं। 10 क्यूसेक के पम्प का मोटर खराब होने के कारण चल नहीं रहा है। कमिश्नर ने पहले से वैकल्पिक मोटर न रखे जाने एवं क्षमता से कम की पम्पिंग किये जाने पर अवर अभियंता जलकर दिनेश मिश्रा को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दिया।

क्यों नहीं चले मोबाइल पंप?

जो सवाल पब्लिक कर रही थी वही सवाल कमिश्नर ने शनिवार को जलनिगम के अधिकारियों से किया। अधीक्षण अभियंता जल निगम एसपी मलिक से पूछा कि 5 क्यूसेक के तीन नये ट्रॉली मॉउन्टेड मोबाइल पम्प जब रखे हुए थे तो उन्हें चालू क्यों नहीं कराया गया। व्यवस्था स्वत: संचालित क्यों नहीं हो रही है?

पंप लगते तो नहीं होती दिक्कत

अल्लापुर, बाघम्बरी रोड, कैलाशपुरी के साथ ही अन्य इलाकों में शुक्रवार को अचानक जिस तरह से भीषण जलजमाव हुआ, वह एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही और आधी-अधूरी तैयारी का परिणाम रहा। इसका सामना हजारों परिवारों को करना पड़ा। शनिवार को अल्लापुर और बाघम्बरी रोड के लोगों ने वरिष्ठ पार्षद शिवसेवक सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग कर खामियों पर चर्चा करते हुए ये आरोप लगाया।

जिला प्रशासन ने पांच अतिरिक्त पंप ट्राली पर रखे थे। पंप को यदि तत्काल लगवा दिया जाता तो दिक्कत इतनी ज्यादा न होती। पंप को तत्काल लगाया नहीं गया।

डडि़या रोड नाला 80 फीट रोड नाला में मिलता है। ये करीब ढाई फीट ऊंचा है। इसे ढाई फीट नीचे कराने का काम सेंक्शन है। काम अधूरा है, लेकिन इंजीनियर ने कह दिया कि काम पूरा हो गया है। काम पूरा होता तो पानी निकल जाता।

बाघम्बरी गद्दी रोड के नाला पर अतिक्रमण है। वहां फिर से ओपेन नाला का निर्माण कराया जाए तो समस्या खत्म हो सकती है।