-बेसमेंट में लगी मशीन में भरा पानी, मरीजों के लिए सुविधा बंद

-15 करोड़ की मशीन पानी से भरने करोड़ों की लागत से बनी बिल्डिंग

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बीते रविवार देररात हुई बारिश का पानी शताब्दी फेज 2 बिल्डिंग के बेसमेंट में भर गया। सुबह जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह हैरान रह गए क्योंकि बेसमेंट में रेडियोथेरेपी विभाग की लिनियर एक्सीलरेटर मशीन भी लगी है। बारिश का पानी मशीन में भी चला गया, जिसके कारण बीते सोमवार से रेडियोथेरेपी की सुविधा बंद कर दी गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो मशीन लगाने वाली कंपनी के इंजीनियर अगले हफ्ते आएंगे। जिनकी एनओसी के बाद ही मशीन चालू हो सकेगी।

रोजाना 70 से अधिक को थेरेपी

रेडियोथेरेपी विभाग में रोजाना 70 से अधिक कैंसर मरीजों को रेडियोथेरेपी दी जाती है, लेकिन बीते सोमवार से सभी मरीजों को रेडियोथेरेपी की सुविधा बंद कर दी गई है। मरीजों को बैरंग वापस कर दिया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक लीनियर एक्सीलरेटर मशीन अगले हफ्ते से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है। वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट ने विभाग का शुक्रवार को निरीक्षण किया। इस दौरान मशीन के कई पार्ट को खोलकर उसे सुखाया जा रहा था। वीसी ने वार्ड का भी निरीक्षण किया और डॅाक्टर्स को मरीजों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए।

आरएनन और जल निगम ने बनाई इमारत

केजीएमयू की इस 9 मंजिला इमारत का निर्माण करोड़ों की लागत से हुआ था। केजीएमयू के सूत्रों के मुताबिक पहले इस बिल्डिंग के निर्माण की कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम था। बाद में जल निगम को कार्यदायी संस्था बना दिया गया, लेकिन दोनों ने ही ध्यान नहीं रखा कि बेसमेंट में विभाग की सुविधाएं न दी जाएं। बेसमेंट में सिर्फ पार्किंग की सुविधा होनी चाहिए, लेकिन वहां पर मरीजों के लिए विभाग बना दिए और मशीनें भी लगा दी गई।

बेसमेंट में लगा दी मशीन

केजीएमयू प्रशासन ने भी 15 करोड़ की लागत से आई लीनियर एक्सीलरेटर मशीन को बेसमेंट में लगवा दिया। जिस समय मशीन के लिए बंकर बनाया जा रहा था उसी समय सवाल उठ रहे थे, लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा आज मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

सीवर लाइन से नीचे बना बेसमेंट

सूत्रों के अनुसार कार्यदायी संस्थाओं ने इस बिल्डिंग के बेसमेंट का स्तर सीवर लाइन से भी नीचे कर दिया। जिसके कारण तेज बारिश के दौरान पानी बेसमेंट में ही भर गया। बेसमेंट ऊपर होता तो यह दिक्कत न होती। बनने के बाद भी ड्रेनेज की सही व्यवस्था नहीं की गई।

मशीन ऊंचाई पर हैं इसलिए बारिश के पानी से कोई नुकसान नहीं हुआ है। नमी आ गई है जिसे सुखाया जा रहा है। जल्द ही मरीजों के लिए मशीन चालू कर दी जाएगी।

प्रो। एमएलबी भट्ट, वीसी, केजीएमयू