क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रांची नगर निगम सिटी के सभी वार्डो में डीप बोरिंग करा रहा है. पार्षदों की डिमांड पर एचवाईडीटी भी लगाए जा रहे हैं ताकि पब्लिक की पानी की किल्लत दूर हो सके. इतना ही नहीं बोरिंग कराने के दौरान हजारों लीटर पानी की निकासी भी हो रही है. जिससे कि ग्राउंड वाटर लेवल भी गिर रहा है. लेकिन खुद नगर निगम का कहीं भी वाटर रिचार्ज कराने पर ध्यान नहीं है. शहर के लोग भी इसी ढर्रे पर चल रहे हैं. बड़े एरिया में जहां भी पब्लिक प्रॉपर्टी खड़ी की जा रही है उसमें कई लोग अपने आशियान में डीप बोरिंग करा रहे हैं पर वे भी वाटर रिचार्ज की व्यवस्था नहीं करा रहे हैं. इससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम दूसरों को नसीहत देने में तो आगे रहता है लेकिन खुद नियम का पालन करने में फिसड्डी है.

रिफिलिंग प्वाइंट पर व्यवस्था नहीं

डीप बोरिंग कराने के साथ ही निगम की ओर से टैंकरों से पानी की सप्लाई करने के लिए सिटी में कई जगहों पर रिफिलिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. जहां से हर दिन हजारों लीटर पानी टैंकर में भरकर वार्डो में सप्लाई की जाती है. लेकिन रिफिलिंग प्वाइंट पर भी ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने की व्यवस्था नहीं कराई गई है. जबकि पिछले साल मेयर ने प्राथमिकता के आधार पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराने का आदेश दिया था. इसके बाद भी संबंधित अधिकारी इस आदेश को लेकर लापरवाह बने रहे.

वाटर लेवल की चिंता नहीं

जबकि सिटी में बड़े एरिया में घर बनाने और डीप बोरिंग कराने वालों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराना अनिवार्य किया गया है. वहीं रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं कराने वालों से नगर निगम होल्डिंग टैक्स के अलावा डेढ़ गुना टैक्स भी वसूल रहा है. ताकि लोग अपने घर और भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग करा लें. इसके बाद भी लोग सुनने को तैयार नहीं हैं. यहीं वजह है कि सिटी का ग्राउंड वाटर लेवल तेजी से नीचे जा रहा है. इस हालत के लिए नगर निगम भी उतना ही जिम्मेवार है जितना सिटी के लोग.