-शहर में अब तक नहीं लगी प्याऊ, कैसे बुझेगी राहगीरों की प्यास

-नगर निगम तो दूर, समाज सेवी व संस्थाएं भी नहीं कर रही काम

-पब्लिक प्लेस पर नहीं पानी की कोई व्यवस्था

45 डिग्री टेम्प्रेचर के बीच तेज धूप और झुलसा देने वाली गर्मी में पब्लिक की प्यास नहीं बुझ रही है. घरों में पानी की सप्लाई तो पूअर है ही, दूर-दराज से आने वाले लोग भी पानी के लिए तरस रहे है. सार्वजनिक स्थलों पर न तो सरकारी नल दिख रहा है और न ही प्याऊ. नगर निगम ने अभी तक कही भी प्याऊ की व्यवस्था नहीं की है. इससे राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है. हालांकि जो सक्षम है वे बोतल की पानी से प्यास बुझा ले रहे है, लेकिन जो खर्च अफोर्ट नहीं कर सकते, वे सरकारी नल, हैंडपंप या प्याऊ की तलाश कर रहे है. पानी के संकट से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल है. बंद पड़े सरकारी नलों के पास पहुंचने वाले छुट्टा पशुओं को पानी नसीब नहीं हो रहा.

समाज सेवी नदारत

पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी सिर्फ नगर निगम ही नहीं निभा रहा, बल्कि वे लोग भी है जो खुद को समाज सेवी बताते है. यही नहीं स्वयं सेवी संस्थाए व क्लब भी इस सेवा से मुहं मोड़े हुए है. सिटी में अब तक किसी भी संस्था ने राहगिरों के लिए प्याऊ की व्यवस्था नहीं की है. ऐसी हालत तब हैं जब भीषण गर्मी से लोगों के कंठ सूख रहे है.

फिर क्यों नहीं व्यवस्था

गर्मी की तपिश को दूर करने के लिए हर साल नगर निगम किसी न किसी संस्था के मदद से शहर के कई एरिया में प्याऊ की व्यवस्था करवाता है. लेकिन इस बार नगर निगम ने अब तक इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया है. जबकि पारा 10 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए 45 के पार हो चुका है. घरों से बाहर रहने वाले लोगों और राहगीरों के लिए प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गयी तो लोग हीट स्ट्रोक के शिकार हो सकते है.

मुख्य मागरें पर भी नहीं है प्याऊ

नगर निगम ने जिन जगहों पर प्याऊ का निर्माण कराता है. वहां भी अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. रेलवे स्टेशन के बाहर, बस स्टैंड, पास पोस्ट ऑफिस, विकास भवन, जिला मुख्यालय, नगर निगम, समेत तमाम स्कूल कॉलेज के बाहर कही भी प्याऊ की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा शहर के प्रमुख व्यस्ततम मार्ग जैसे गोदौलिया, दशाश्वमेध, नई सड़क, चौक, जैस सैकड़ों एरिया में भी स्थाई प्याऊ नहीं बनाया गया है.

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

गर्मी में हर वर्ष लोगों को प्याऊ की जरूरत पड़ती है. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जाता. निगम पार्षदों की ओर से हर साल गर्मी में प्याऊ लगाने को लेकर आवाज उठायी जाती है. लेकिन निगम में हर बार पैसे का हवाला देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

एक नजर

नगरीय पेयजल प्रबंधन

19

लाख से अधिक कुल जनसंख्या

122000

के करीब वैध कनेक्शन

186

छोटे-बड़े पंप

07

महापंप भेलूपुर का

2400

के करीब हैंडपंप शहर में

250

के करीब कुआं

100

सार्वजनिक नल

सार्वजनिक स्थलों व जहां जरुरत होगी, वहां प्याऊ की व्यवस्था कराई जाएगी. जरुरत पड़ने पर निजी संस्थाओं से हेल्प ली जाएगी. इसके अलावा सिटी में वाटर एटीएम की व्यवस्था की गई है.

अजय कुमार, अपर नगर आयुक्त