कानपुर। सपनों के फायदे जानने से पहले जरा यह तो जान लीजिए कि सोते वक्त सपने देखते वक्त हमारे दिमाग में आखिर क्या चलता रहता है। इस बारे में कैलीफोर्निया यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर और दुनिया के फेमस न्यूरोसाइंटिस्ट Dr. Matthew Walker का कहना है कि दरअसल सपने देखना शरीर का एक बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल प्रोसेस है, जिस पर हमारा सीधा नियंत्रण नहीं होता। यानि कि हम पहले से सोचकर या प्लान करके सपने नहीं देख सकते। साथ ही नींद के दौरान हमारा दिमाग भी सपनों को रोक नहीं सकता। हां सपनों से जुड़ी एक बड़ी बात यह है कि इससे हमें कई तरह के फायदे होते हैं। तो आइए जानें फटाफट।

मिल जाता है जिंदगी की मुश्किलों का बेहतर सॉल्यूशन

greatergood.berkeley.edu वेबसाइट पर मौजूद डॉ. मैथ्यू की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि जहां एक ओर बिना सपनों वाली गहरी नींद लोगों की मेमोरी पावर बढ़ाती है, वहीं दूसरी ओर सपनों से भरी हल्की नींद में जब हमारी तमाम यादें और कल्पनाएं आपस में घुलमिल जाती हैं, तो उसका अनोखा असर देखने को मिलता है। इस दौरान हमारा दिमाग तमाम बंदिशों को तोड़ते हुए कई बार ऐसा ज्ञान या जिंदगी की किसी बड़ी समस्या का ऐसा समाधान खोज निकालता है, जिसे जागते हुए अचीव कर पाना हमारे बस में नहीं होता।

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बढ़ती है क्रिएटीविटी

नींद और सपनों पर किए गए अपनी बेहतरीन रिसर्च वर्क के कारण डॉ. मैथ्यू वॉकर को स्लीप डिप्लोमैट के नाम से भी जाना जाता है। नींद के दौरान सपने देखने के फायदों को लेकर डॉ. मैथ्यू की टीम ने एक बड़ी रिसर्च की। जिसमें उन्होंने तमाम लोगों को सोते वक्त जगाकर उनसे शब्दों के उलटे सीधे तालमेल वाली कुछ पहेलियां सॉल्व करने को कहा। इस रिसर्च में यह साबित हुआ कि जो लोग सपनों वाली हल्की नींद से जागे थे, वो ज्यादा क्रिएटिव साबित हुए, क्योंकि उन्होने ज्यादा संख्या में और बड़ी आसानी से ये पजल सॉल्व कर ली थीं। जबकि गहरी नीदं से जागे लोग बड़ी मुश्किल से ये पहेलियां सुलझा पाए। यही नहीं रिसर्च के दौरान सपने वाली नींद से जागे लोगों ने कहा कि इन पहेलियों का समाधान यूं ही अचानक उनके दिमाग में कौंध गया और उन्हें उसे सॉल्व करने के लिए खास मेहनत नहीं करनी पड़ी।

 

ड्रीम थेरेपी जो इमोशनल प्रॉब्लम्स और डिप्रेशन को करती है दूर

डॉ. मैथ्यू के मुताबिक जब हम जब जिंदगी में बिताए हुए अपने पुराने अच्छे या यादगार लम्हों को सपने में फिर से जीते हैं, तो इससे कई बार हमारी जिंदगी की रोजमर्रा की प्रॉब्लम, डिप्रेशन या मानसिक घावों को भरने में मदद मिलती है। सपनों के दौरान हम कई बार अपनी यादों को ही दोबारा जीते हैं, ऐसे में हमारा दिमाग कई खराब यादों को एक बेहतर और खुशनुमा माहौल में दोबारा से प्रोसेस करता रहता है। नींद से जागने के बाद इसका एक बड़ा फायदा हमें यह होता है कि वो पुराने मानसिक दर्द हमें पहले से कम कम महसूस होते हैं।

सपनों से जुड़े ये बड़े फायदे जानने के बाद हम तो यही कहेंगे कि जिंदगी में सफल होना है तो खुली आंखों से सपने देखिए और लाइफ को ज्यादा क्रिएटिव और तनावमुक्त बनाना है तो सोते हुए भी सपने देखिए। इस बात पर मेरा दिल कहता है कि काश नींद में मनपसंद सपना देखना हमारे बस में होता।

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