चोरी हुए वाहन ढूंढना नहीं चाहती पुलिस

-साउथ सिटी में कई स्टैंड्स पर सालों से खड़े लावारिस वाहन हो रहे हैं कबाड़, पुलिस भी कभी नहीं करती इन वाहनों जानकारी

-कानपुर कॉलिंग पर आई कई शिकायतों के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने की झकरकटी बस अड्डे के स्टैंड की तहकीकात

KANPUR : अगर आपकी गाड़ी चोरी हो गई है और आप उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पुलिस उसे बरामद कर लेगी तो ये आपकी भूल हो सकती है। क्योंकि पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते चोरी हुए अधिकांश वाहनों का या तो काट कर नामो निशां मिटा दिया जाता है या फिर ऐसी जगह पर खड़े खड़े कबाड़ हो जाते हैं, जहां पुलिस ढूंढने की जहमत ही नहीं उठाती है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये सच तो शहर के तमाम व्हीकल स्टैंड्स पर महीनों या फिर सालों से लावारिस व संदिग्ध खड़े वाहन खुद बयां कर रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की कानपुर कॉलिंग पर इस तरह की आई कई कम्पलेंस के बाद डीजे आई नेक्स्ट ने व्हीकल स्टैंड्स पर खड़े लावारिस वाहनों की हकीकत जानने के लिए तहकीकात की तो सच सामने आ गया। इस मामले के सामने आने पर जहां पुलिस व्हीकल स्टैंड के ठेकेदारों को कठघरे में खड़ा कर रही है तो वहीं ठेकेदार खुद पुलिस पर लापरवाही व कारगुजारी का आरोप लगा रहे हैं।

महंगे दोपहिया वाहन भी शामिल

झकरकटी बस अड्डे के व्हीकल स्टैंड पर दर्जनों की संख्या में दोपहिया वाहन खड़े हैं। इनमें कानपुर व आसपास के जिलों के अलावा अन्य प्रदेश तक के वाहन भी शामिल हैं। व्हीकल स्टैंड संचालक राजकुमार के अनुसार कुछ वाहन तो 5 सालों से खड़े खड़े कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं। वाहनों में महंगी बाइक्स, स्कूटी व स्कूटर तक शामिल हैं। सवाल इस बात का उठता है कि आखिर इतने महंगे वाहनों को व्हीकल स्टैंड पर छोड़ने के पीछे उनकी क्या मजबूरी रही होगी?

छोड़ने के पीछे ये हो सकता कारण

स्टैंड संचालक के अनुसार कोई भी अपना वाहन स्टैंड में लावारिस छोड़ना नहीं चाहेगा। ऐसे में छोड़े गए लावारिस वाहन या तो चोरी के हो सकते हैं, जिन्हें चोरों को दोबारा निकालने का मौका नहीं मिला या किसी अपराधी की ओर से पुलिस से बचने के लिए छोड़े गए वाहन हो सकते हैं। हालांकि, स्टैंड संचालक के अनुसार कुछ वाहन तो इसलिए नहीं उठाए गए, क्योंकि उनका किराया काफी हो चुका था। इसके अलावा कुछ ऐसे वाहन भी हैं, जिनके मालिक की रास्ते में किसी दुर्घटना में मौत हो गई और इसके बाद वाहन को परिजन नहीं ले गए।

पुलिस भी नहीं निभाती जिम्मेदारी

इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पुलिस की जिम्मेदारी समझने के लिए बाबूपुरवा थानाध्यक्ष अजय नारायण सिंह से बात की तो उन्होंने इन लावारिस वाहनों को लेकर पुलिस की जिम्मेदारी को सिरे से नकार दिया। उनका कहना है कि व्हीकल स्टैंड वाला पैसे कमाता है और उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वो वाहनों के संबंध में जानकारी देकर उन्हें पुलिस स्टेशन पहुंचाए। उन्होंने लावारिस वाहनों के संबंध में थाने में कोई जानकारी न होने की भी बात कही। जबकि, स्टैंड संचालक के अनुसार लावारिस संदिग्ध वाहन के छूटते ही इसकी जानकारी पुलिस को दे दी जाती है।

हो सकते हैं बड़े खुलासे

शहर में आए दिन वाहनों की चोरी होती है। पुलिस इन वाहनों को बरामद कर पाने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं, कई बार अपराधी चोरी के वाहन से किसी घटना को अंजाम देने के बाद वाहन इन्हीं स्टैंड्स पर लावारिस छोड़ कर निकल जाते हैं। यदि, पुलिस इन वाहनों को ट्रेस करे तो कई गुडवर्क के अलावा बड़ी घटनाओं के खुलासे भी हो सकते हैं।

वर्जन

व्हीकल स्टैंड संचालक सिर्फ पैसे कमाना जानते हैं। उनको इसकी जानकारी हमें देनी चाहिए। एक साल में मुझे लावारिस वाहनों की कोई जानकारी नहीं दी गई।

- अजय नारायण सिंह, थानाध्यक्ष बाबूपुरवा

वर्जन

हम लावारिस वाहनों की जानकारी पुलिस को दे देते हैं। लेकिन, पुलिस चाहती है कि हम उन्हें वाहन उठवाने के पैसे दें। सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

- राजकुमार जायसवाल, ठेकेदार, झकरकटी बस अड्डा

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