राष्ट्रीय बजरंगदल के पदाधिकारी को सड़क पर गिरा-गिरा कर पीटा था

बाद में निगम कर्मियों ने लाइफ लाइन पर लगाया था जाम

आगरा। शहर की लाइफलाइन एमजी रोड को जाममुक्त करने के लिए समय-समय पर पुलिस प्रशासन द्वारा प्रयास किए गए हैं। एमजी रोड पर जुलूस से लेकर बारात तक पर पाबंदी लगाई गई है, ताकि यहां पर जाम की स्थिति पैदा न हो। नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस कई मामलों में अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज कर लेती है। लेकिन गुरुवार को नगर निगम कर्मचारियों द्वारा लगाए गए जाम पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में पुलिस को पता नहीं किसका इंतजार है। गुरुवार को नगर निगम में हुए मारपीट और हंगामें के बाद नगर निगम कर्मियों ने एमजी रोड पर करीब दो घंटे तक जाम लगा दिया, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। लोगों से लेकर स्कूली बच्चे तक जाम के कारण परेशान रहे, इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

रोड पर लगा दी थी जेसीबी

गुरुवार दोपहर में नगर निगम कर्मियों ने गोविंद पाराशर की पुलिस के सामने पिटाई कर दी। निगमकर्मी बार-बार उसे पुलिस के हाथ से छीन रहे थे। पुलिस निगम कर्मियों को रोक नहीं पा रही थी। किसी तरह पुलिस उसे थाने पर ले गई। इसके बाद आक्रोशित निगम कर्मी रोड पर उतर आए। जेसीबी लगा कर लाइफ लाइन को पूरी तरह जाम कर दिया गया। यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

बुजुर्ग-बच्चे सब परेशान

जाम के दौरान कई गाडि़यां फंस गई। स्कूल वैन हो गया कोई और वाहन। जहां के तहां थम गए। पुलिस ने डायवर्जन भी किया लेकिन इससे एमजी रोड से निकलने वाले रास्तों पर भी जाम लग गया। पुलिस के सामने सब होता रहा। पुलिस ने एक बार भी नहीं सोचा कि जाम लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कई बार पुलिस ने ऐसे मामलों में कार्रवाई की है। पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया है। फिर इस बार क्यों नहीं किया?

पुलिस नहीं करेगी कार्रवाई

सभी को पता है कि एमजी रोड पर दो से ढाई घंटे तक जाम रहा। लोगों ने उस दौरान खासी परेशानी झेली। किसी तरह लोगों ने रास्ता पार किया। एमजी रोड व एमजी रोड से सटे रास्तों पर जाम ही जाम था। इसके बाद भी पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। एसपी सिटी का कहना है कि जाम जरूर लगाया था पर समय रहते जाम खोल दिया गया था।

सीसीटीवी फुटेज जांच रही पुलिस

गोविंद पाराशर पर मुकदमे में पुलिस अज्ञातों की तलाश कर रही है। इंस्पेक्टर महेश चंद गौतम ने बताया कि नगर निगम की सीसीटीवी फुटेज देखी जाएगी। उसमें से चिन्हित कर आरोपियों को पकड़ा जाएगा। हालांकि अभी तक तीन वीडियो मामले में वायरल हुए हैं। इसमें निगम कर्मी मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं।