- अधिक कोटा उठाने वालों का लाइसेंस स्वत: रिनीवल किया जाएगा
- सरकार ने खूब की शराब बिक्री से कमाई, करीब 48 फीसद बढ़ा राजस्व
- मंत्री ने पूछा, पिछली सरकारों में किसकी जेब में जा रहा था 5000 करोड़
- सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक अब खुलेंगी दुकानें
- 29,302 करोड़ राजस्व लक्ष्य अनुमानित नई आबकारी नीति में
- 43।61 फीसद अधिक होगा वर्तमान आबकारी नीति से
- 27.4 फीसद अधिक है वित्त विभाग द्वारा दिये गये लक्ष्य से  
- 48 फीसद अधिक राजस्व जुटाया गया नवंबर तक की बिक्री से
- 4880 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हो चुकी है राज्य सरकार का
- 20 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद किया गया अंग्रेजी शराब का कोटा
- 15 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद किया गया बीयर का कोटा

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LUCKNOW: वर्तमान आबकारी नीति को लागू करने में आई कठिनाइयों को ध्यान में रखकर आबकारी नीति वर्ष 2019-20 में सरलीकरण के लिए कुछ प्रावधान किये गये हैं। खासकर अवैध शराब की रोकथाम के लिए एक बार फिर होलोग्राम सिस्टम को लागू करने तथा शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य को विगत वर्ष के मूल्य के लगभग समान रखा गया है। खास बात यह है कि नई आबकारी नीति के मुताबिक देशी शराब का छह फीसद, अंग्रेजी शराब का 40 फीसद और बीयर का 30 फीसद अधिक कोटा उठाने वालों का लाइसेंस स्वत: रिनीवल किया जाएगा। अनुमान है कि इससे करीब 60 फीसद लाइसेंस स्वत: रिनीवल हो जाएंगे। ध्यान रहे कि कोटा बढ़ाने का पिछले कई दिनों से लखनऊ शराब एसोसिएशन द्वारा विरोध किया जा रहा था। वहीं पहली बार भांग की बिक्री के लिए ई-लॉटरी के जरिए लाइसेंस दिया जाएगा।

नहीं सफल हुआ ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम
आबकारी मंत्री जयकुमार सिंह जैकी ने बताया कि वर्तमान आबकारी नीति में लागू किया गया ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम एनआईसी के सर्वर की कुछ दिक्कतों की वजह से प्रभावी नहीं हो पाया। अब इसे ठीक तरह से लागू करने को प्रोफेशनल कंपनियों की मदद ली जाएगी ताकि डिस्टलरी से निकलने से लेकर शराब की दुकान तक प्रत्येक बोतल को ट्रेस किया जा सके। वहीं दूसरी ओर अवैध शराब की तस्करी और सुरक्षा के लिहाज से अन्य राज्यों की तरह होलोग्राम लगाना भी जरूरी कर दिया गया है। वहीं अपर मुख्य सचिव आबकारी कल्पना अवस्थी ने बताया कि नई आबकारी नीति में समस्त फुटकर दुकानों, मॉडल शॉप्स और भांग की फुटकर दुकानों की जियो फेंसिंग व शराब की प्रत्येक फुटकर दुकान पर प्वाइंट ऑफ  सेल मशीनों के माध्यम से ही बिक्री किये जाने को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत विभिन्न लाइसेंस जिनकी वैधता अवधि एक वर्ष निर्धारित है, से वार्षिक लाइसेंस फीस का दो गुना लेते हुये उनकी अवधि बढ़ा करके दो वर्ष निर्धारित किया गया है।

विदेशी पर्यटकों को खास सुविधाएं

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी द्वारा संचालित विशेष रेलगाड़ी 'महाराजा' के विदेशी पर्यटकों के लिए प्र्रदेश की सीमा में आयोजित किये जाने वाले 'शैम्पेन ब्रेकफास्ट' और प्रदेश के फाइव स्टार होटलों में विदेशी पर्यटकों के समूह के लिये आयोजित किये जाने वाले विशेष 'ब्रेकफास्ट' के लिए ऑकेजनल बार लाइसेंसों के तहत सुबह नौ बजे से मदिरा परोसने की विशेष अनुमति प्रदान की जा रही है। इसके अलावा देशी एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि तथा वर्तमान में पाश्च्युराइज्ड एवं बॉटल्ड बीयर के स्थान पर अनपाश्च्युराइज्ड एवं अनबॉटल्ड बीयर अर्थात ताजी बीयर पीने की मांग के दृष्टिगत रोजगार एवं राजस्वहित में अन्य राज्यों की भांति माइक्रो ब्रिवरीज अनुमन्य किया गया है।
 
- विगत वर्षों में हुये जनविरोध को देखते हुये नई नीति में दुकानों के सृजन को 10 फीसद से एक फीसद किया गया
- मॉडल शॉप्स की दुकानों के दो फीसद सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त को दिया गया
- इंडेण्ट प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर करनी होगी आसवानी को मदिरा की आपूर्ति
- देरी होने पर 0.5 फीसद की दर से आसवनी पर प्रतिदिन जुर्माना आरोपित होगा
- इंडेण्ट प्राप्ति के दो दिवसों के अंदर राजस्व जमा न करने पर 5000 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना

इतना मिला राजस्व

01 अप्रैल 2017 से 30 नवंबर 2017 तक- 10,118 करोड़ रुपये
01 अप्रैल 2018 से 30 नवंबर 2018 तक- 15,005 करोड़ रुपये

राजस्व ने एक साल के भीतर लंबी छलांग लगाई
इतने साल तक रेवेन्यू लॉस किसकी जेब में जा रहा था। सपा के मुखिया अखिलेश यादव और बसपा की मुखिया मायावती को इसका जवाब देना चाहिए। योगी सरकार में अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम से आबकारी विभाग के राजस्व ने एक साल के भीतर लंबी छलांग लगाई है। पांच हजार करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ राजस्व पहले आखिर किसी जेब में जा रहा था। जवाब आने के बाद इस प्रकरण की जांच कराने पर सरकार विचार करेगी।
सिद्धार्थनाथ सिंह स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता

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