- आरपीओ ने सुनी पीडि़त दंपती की दास्तां, फिर जारी किया पासपोर्ट
- पहले तो मीडिया से बचता रहा आरोपी, फिर बोला-आरोप बेबुनियाद


आरोपी को किया गया गोरखपुर ट्रांसफर
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LUCKNOW : रतन स्क्वॉयर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में बुधवार को वरिष्ठ अधीक्षक की अभद्रता का शिकार हुईं तन्वी सेठ व अनस सिद्दीकी को महज 24 घंटे के अंदर न्याय मिल गया। दंपती को रीजनल पासपोर्ट ऑफिस बुला कर उनका पक्ष सुनने और कागजों की पड़ताल करने के बाद आरपीओ (रीजनल पासपोर्ट ऑफीसर) पीयूष वर्मा ने उन्हें पासपोर्ट जारी कर यूपी : 24 घंटे में पीड़ित दंपति को मिला पासपोर्ट,आरोपी को शोकॉज नोटिस

यह था मामला
चिकवाली गली, नाथ सिनेमा रोड लखनऊ निवासी तन्वी सेठ ने करीब ग्यारह साल पहले अनस सिद्दीकी से शादी की थी। तन्वी की माने तो उन्होंने नये पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। जबकि उनके पति का पासपोर्ट रि-इश्यू होना था। बुधवार को अप्वाइंटमेंट डेट पर वह अपनी छह साल की बेटी के साथ रतन स्क्वॉयर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंचीं। तन्वी का आरोप था कि यहां पर काउंटर ए व बी पर सारी प्रक्रिया पूरी हो गईं लेकिन जब वह काउंटर सी पर पहुंची तो वहां मौजूद वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्रा ने अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने मुस्लिम पति होने के कारण अमर्यादित टिप्पणी भी की।


पति से पूछे बेतुके सवाल
तन्वी ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो वरिष्ठ अधीक्षक ने तेज आवाज में बोलना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, नंबर न होने के बावजूद उसी काउंटर पर उनके पति को बुलाया और उनसे भी बेतुके सवाल पूछे। यहां तक की एक ही सरनेम करने की सलाह दे डाली। जिससे वह खासे आहत हुए। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत पहले एपीओ फिर विदेश मंत्रालय व पीएमओ से की गई। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।


सुबह बुलाया हेड ऑफिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को ही एपीओ ने इस मामले को गोमतीनगर स्थित हेड ऑफिस भेजा था। वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद आरपीओ ने भी दंपती को कार्यालय बुलाया और प्रेस वार्ता की। आरपीओ ने बताया कि दंपती को पासपोर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं आरोपी वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्रा को गोरखपुर ट्रांसफर किया गया है। इसके साथ ही उन्हें शोकॉज नोटिस भी जारी किया गया है। पूरे मामले को लेकर विदेश मंत्रालय से भी रिपोर्ट मांगी गई है।


आंखों में छलके आंसू

प्रेस वार्ता के दौरान आपबीती बताते-बताते तन्वी सेठ की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहाकि आरपीओ ने तो सहयोग किया। उनके साथ जो हुआ है, वह किसी और के साथ न हो। हमारी आज तक कहीं भी इतनी बेइज्जती नहीं हुई। इतना कहते-कहते तन्वी की आवाज रूंध गई। हालांकि तन्वी और अनस ने खुशी-खुशी अपने पासपोर्ट भी दिखाए।

मंत्र पढ़कर आएं, फेरे लें...
प्रेस वार्ता के दौरान तन्वी ने बताया कि सीनियर सुप्रीटेंडेंट ने उनसे यहां तक कहा कि पहले जाओ फेरे लेकर आओ और मंत्र भी पढ़ो। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं शाम को एक प्रत्यक्षदर्शी भी सामने आया है, जिसने बताया कि डॉक्यूमेंट्स को लेकर अधिकारी और आवेदक के बीच कहासुनी हो रही थी। अधिकारी ने डॉक्यूमेंट्स को लेकर अपने सहयोगी से वार्ता भी की थी।


अरे यही विकास है...
एक तरफ जहां पासपोर्ट मुख्यालय सभागार में प्रेस वार्ता चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ आरोपी विकास मिश्रा दूसरे कमरे में मौजूद था। इसकी भनक लगते ही सारी मीडिया उसकी तरफ दौड़ी। मीडिया से बचने के लिए विकास पहले तो एक कमरे से दूसरे कमरे जाता रहा फिर मीडिया का दवाब बढ़ता देख उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। करीब 45 मिनट बाद वह मीडिया से मुखातिब हुआ और अपना पक्ष रखा। उसने कहाकि पासपोर्ट आवेदन में जो कागजात लगाए गए थे, वे सभी तन्वी नाम से थे। जबकि निकाहनामा सादिया अनस के नाम पर था। नियमों को ध्यान में रखते हुए नेम संशोधन करने के लिए डॉक्यूमेंट्स काउंटर ए में भेज दिया था। मैंने नियमानुसार ही सब कुछ किया है। इसके अतिरिक्त जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं।

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