क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रांची से नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में पैसेंजर्स को खाना परोसने वाली कैटरिंग एजेंसी के पास फूड लाईसेंस ही नहीं है. यह चौंकाने वाला खुलासा रविवार को तब हुआ जब डीआरयूसीसी मेंबर्स ने सरप्राइज चेकिंग की. जैसे ही वे राजधानी के पैंट्री कार में पहुंचे अफरा-तफरी भी मच गई. वहीं जब पैंट्री में मौजूद स्टाफ्स से फूड लाईसेंस की कॉपी मांगी गई तो वो बगले झांकने लगे. बाद में एक्सेप्ट करते हुए कहा कि फूड लाईसेंस के लिए आठ महीने पहले आवेदन दिया गया है. बताते चलें कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 7 अप्रैल को रांची-दिल्ली राजधानी में रियलिटी चेक किया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि न तो कहीं चेक प्वाइंट है और न ही क्वालिटी चेक करने की कोई सुविधा. जबकि एक दिन पहले ही भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस में फूड प्वाइजनिंग के बाद 30 से अधिक पैसेंजर्स बीमार हो गए थे.

पैसेंजर्स की जान से खिलवाड़

रेलवे के डीआरयूसीसी मेंबर संदीप नागपाल, राजेंद्र सरावगी, प्रेम कटारुका ने सरप्राइज चेकिंग के दौरान कहा कि जिस तरह किसी भी वाहन को बिना लाइसेंस के चलाना कानून अपराध है. ठीक उसी तरह बिना फ़ूड लाईसेंस के पैसेंजर्स को खाना खिलाना उनकी जान से खेलने जैसा है. इसलिए रेलवे के अधिकारी तत्काल कैटरिंग एजेंसी पर कार्रवाई करते हुए दूसरी एजेंसी को हायर करें. ताकि ट्रेन में सफर करने वाले हजारों पैसेंजर्स की जान से खिलवाड़ बंद हो. साथ ही पैसेंजर्स का भरोसा जीता जाए कि उन्हें ट्रेन में सफर करने के दौरान जो खाना मिल रहा है, वो क्वालिटी वाला हो.