खाद्य महंगाई दर 0.87 प्रतिशत पर

नई दिल्ली (प्रेट्र)। ईंधन और फलों की कीमत में बढ़ोतरी से अप्रैल में महंगाई दर बढ़कर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गई। होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर मार्च में 2.47 प्रतिशत पर थी जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में यह 3.85 प्रतिशत पर थी। सोमवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2018 में खाद्य महंगाई दर 0.87 प्रतिशत पर थी जबकि इससे पहले के महीने में यह 0.29 प्रतिशत पर थी। आईसीआरए के इकोनाॅमिस्ट का कहना है कि आने वाले समय में महंगाई बढ़ती रहेगी।

सब्जियों की महंगाई 0.89 प्रतिशत

अप्रैल में सब्जियों की महंगाई 0.89 प्रितशत पर थी जबकि एक महीने पहले यानी मार्च में यह 2.70 प्रतिशत पर थी। ईंधन और पावर की महंगाई अप्रैल में बढ़कर 7.85 प्रतिशत पर पहुंच गई। मार्च में यह 4.70 प्रतिशत पर थी। कच्चे तेल में वैश्विक बढ़ोतरी के कारण इन मदों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। अप्रैल में फलों की महंगाई बेतहाशा बढ़कर 19.47 प्रतिशत तक पहुंच गई, मार्च में यह 9.26 प्रतिशत पर थी।

फरवरी में अनुमान से ज्यादा महंगाई

थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई यानी डब्ल्यूपीआई महंगाई दर बढ़कर 2.74 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जबकि अनुमान 2.48 प्रतिशत का था। महंगाई को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष में पहले मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को अपरिवर्तनीय रखा था। खुदरा महंगाई दर बाद में जारी किए जाएंगे। आरबीआई के अनुसार, अप्रैल से सितंबर में खुदरा महंगाई दर 4.7-5.1 प्रतिशत और अक्टूबर से मार्च में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

राहत नहीं, अभी और बढ़ेगी महंगाई

आईसीआरए की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कह कि थोक मूल्यों पर आधारित डब्ल्यूपीआई महंगाई दर भविष्य में अभी और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ईंधन से एक्साइज शुल्क घटाने से पहले जीएसटी राजस्व के स्थिर होने और ई-वे बिल के आकड़ों पर नजर रखेगी। अतिरिक्त जानकारी जुटाने के बाद ही सरकार महंगाई कम करने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर एक्साइज कम करने पर विचार करेगी। वैश्विक क्रूड की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण घरेलू ईंधन कीमतों पर असर पड़ रहा है।

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